Video:- निर्दलीय प्रत्याशी के लिए मसीही समाज से समर्थन जुटाने पहुंची महिला को धक्के देकर निकलने और दुर्व्यवहार कर समाज से बहिष्कृत करने के मामले में नया वीडियो सामने आया है। मसीही समाज ने निर्दलीय प्रत्याशी की रिश्तेदार के बयान पर आश्चर्य और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि उनके चर्च के पाश्चर ने ऐसा कुछ नहीं किया। इस घटना के दौरान चर्च में। मौजूद रहीं मसीही महिलाओं ने साफ कहा कि चर्च में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। चाहें तो फुटेज देख लें। चर्च के पाश्चर ने निर्दलीय प्रत्याशी के लिए समर्थन मांग रही महिला को आराधना के बीच सियासत और आचार संहिता के उलंघन करने से रोका। उन्हें भला बुरा कहने या बहिष्कृत करने जैसी बातें बिलकुल बेबुनियाद हैं।
कोरबा(theValleygraph.com)। शहर के मानिकपुर स्थित आराधनालय में पादरी विक्टर मेनन पर लगे आरोपों के खिलाफ पूरा मसीही समाज उनके साथ खड़ा हो गया है। समाज की महिलाएं सामने आ गई हैं। उनका कहना है कि जिस महिला ने पादरी पर आरोप लगाया है, उसके ससुर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वह प्रभु की आराधना के समय राजनीतिक प्रचार कर रही थी। यह आचार संहिता का उल्लंघन है, इसलिए उसे ऐसा करने से जब मना किया गया। तब वह अनर्गल बातें कहते हुए, आराधनालय से चली गई। उसे धक्के देना तो दूर किसी ने उससे गलत लहजे में बात भी नहीं की है। बाद में इसे पूरी तरह से षड्यंत्र कर फर्जी स्क्रिप्ट लिखकर उससे पढ़वाया गया। जिसके लिए प्रभु की आराधना को आधार बनाया गया है। यह बेहद अनैतिक है। चर्च के पाश्चर विक्टर मेमन पर लगे सारे आरोप सरासर निराधार हैं।
पाश्चर को किया जा रहा है बदनाम
सावित्री ने बताया कि जब यह सब हुआ तब मेरे साथ बड़ी संख्या में समाज के लोग मानिकपुर के आराधनालय में उपस्थित थे। वह महिला धर्म के स्थान का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए कर रही थी। उसे ऐसा करने से रोका गया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी। खुद ही तिलमिला उठी और गुस्से में अनर्गल बातें करने लगी। उसे किसी ने भी धक्का नहीं दिया, ना किसी तरह की धमकी दी है। हम सब वहां मौजूद थे और उसने जो किया वह बिल्कुल गलत है। उसके ससुर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके कारण वह लोग राजनीतिक प्रचार प्रसार कर रहे थे। लेकिन धर्म के स्थान का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। यह पास्टर विक्टर मेमन को बदनाम करने की साजिश है।