कभी जान के दुश्मन थे जो शिकारी, अब निभा रहे पहाड़ी मैना के रक्षक की जिम्मेदारी


कमला नेहरू कॉलेज में छग विज्ञान सभा कोरबा इकाई के सहयोग से जैव विविधता पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। व्याख्यान के मुख्य वक्ता रहे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध प्रकृति विज्ञानी रवि नायडू ने जैव विविधता पर कॉलेज के विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी मैना के बारे में हम सभी जानते हैं। यह हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश का राजकीय पक्षी है। पर एक समय इस खूबसूरत पक्षी की आबादी बहुत तेजी से घट रही थी। इसके अस्तित्व पर संकट आ खड़ा हुआ और ऐसी स्थिति में वन विभाग ने एक युक्ति निकाली। इस पक्षी को बचाने, उनका संरक्षण करने के मिशन में उन्हें ही लगा दिया गया, जो पहले पहाड़ी मैना का ही शिकार किया करते थे। यानी शिकारी ही अब रक्षक की भूमिका में हैं।

कोरबा(theValleygraph.com)। यह बातें छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध प्रकृति विज्ञानी रवि नायडू ने जैव विविधता पर व्याख्यान में मुख्य वक्ता की हैसियत से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहीं। शुक्रवार को कमला नेहरू महाविद्यालय व छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई के संयुक्त तत्वावधान में कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए जैव विविधता पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध प्रकृति विज्ञानी रवि नायडू उपस्थित थे। जिसमें उन्होंने हमारे आसपास के पशु पक्षियों के संरक्षण से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से हम अपने आसपास के जीव जंतुओं को संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने अपने बीएचएस के कार्य के अनुभव को साझा किया। साथ ही यह बताया कि किस प्रकार से पशु-पक्षियों को टैग लगाकर उनके आने-जाने के रास्तों की पहचान की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि किस प्रकार से पक्षी एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर प्रवास करते हैं।

कोरबा व छत्तीसगढ़ राज्य में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षियों के बारे में जानकारी प्रदान की। साथ ही उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की संख्या लगातार गिरती जा रही थी। उसे पुनः संख्या वृद्धि करने के मिशन के लिए वन विभाग की टीम ने उन्हीं व्यक्तियों को शामिल किया गया, जो पहले इन पक्षियों का शिकार करते थे। कार्यक्रम में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष अजय मिश्रा, गोविन्द माधव उपाध्याय, कंप्यूटर विभाग से रुपेश मिश्रा, रसायन विभाग कि विभागाध्यक्ष गायत्री साहू, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई के सचिव दिनेश कुमार, प्राणिशास्त्र विभाग से वेद व्रत उपाध्याय व निधि सिंह ने सहभागिता प्रदान की।

आई नेचुरलिस्ट में नाम के साथ सूचीबद्ध कर सकते हैं आस-पास के जीव

श्री नायडू ने छत्तीसगढ़ आई नेचुरलिस्ट के बारे में छात्र-छात्राओं को बताया। यह एक ऐसी वेबसाइट है, जिसके द्वारा आप अपने आसपास पाए जाने वाले जीव जंतुओं को सूचीबद्ध कर सकते हैं। जिससे आपके आसपास पाए जाने वाले जंतुओं की जानकारी इस वेबसाइट पर आपके नाम के साथ उपलब्ध होगी। जिससे किसी क्षेत्र में रहने वाला कोई भी व्यक्ति जैव विविधता में पाए जाने वाले जीवों की जानकारी को साझा कर सकता है। साथ ही उनके संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान प्रदान कर सकता है। इसी कार्यक्रम मे उद संरक्षण के विषय पर जानकारी कि गई।

प्रकृति को समझने ज्ञान-विज्ञान पर ऐसे आयोजन काफी अहम:- डॉ प्रशांत बोपापुरकर

कार्यक्रम में कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रशांत बोपापुरकर ने छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए जैव विविधता के क्षेत्र में लगातार अपना सहयोग प्रदान करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। छात्र-छात्राओं को जीवन व उसके महत्व को संक्षिप्त रूप में समझाया। डॉ बोपापुरकर ने कहा कि यह प्रकृति है, तो ही मानव जगत का अस्तित्व है। इसलिए इसकी रक्षा का दायित्व भी हमें निभाना होगा और इसके सबसे पहले यह जरूरी है कि हम प्रकृति को जाने-समझें। इस तरह के ज्ञान-विज्ञान की कक्षा से विद्यार्थियों को काफी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। कार्यक्रम में बीएससी, एमएससी व बीएड के विद्यार्थियों ने महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की।


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