Video:- छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई ने ग्रामीण क्षेत्रों में वैज्ञानिक चेतना के प्रसार के लिए चलाया जागरूकता अभियान।
हमारा जीव जगत हमारी इस प्रकृति पर ही निर्भर है। जहां मानव के साथ भिन्न भिन्न प्रजाति के पेड़-पौधे, जीव-जंतुओं, पक्षियों और सूक्ष्म जीव निवास करते हैं। पर केवल मानव ही हैं, जो अपनी विलासिता के लिए प्रकृति का अंधाधुंध दोहन कर रहा, जिससे प्रकृति और वन्य जीवों-वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में आता जा रहा है। अगर यही होता गया तो एक समय आएगा जब मानव का ही अस्तित्व खतरे में होगा। इसलिए जरूरी है कि हम संभल जाएं। यही उद्देश्य रखते हुए छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता के अभियान चला रही है।
कोरबा(theValleygraph.com)। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा द्वारा कोरबा के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में वैज्ञानिक चेतना के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रमों का प्रारंभ संविधान की उद्देशिका के पाठ से किया जाता है। जन सामान्य को संविधान के महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए वन्य प्राणी व प्रकृति संरक्षण के प्रति हमारी क्या भूमिका होनी चाहिए। एक नागरिक के क्या कर्तव्य हैं, उनके संबंध में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम माध्यम से संस्था से जुड़े छात्रों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी स्कूल-कॉलेज के बच्चों-विद्यार्थियों और जन सामान्य को प्रदान की जा रही है। इसी क्रम में अजगर बहार बेला जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय होगा कि विशेषतकर उद बिलाव के संरक्षण की दिशा में जन सामान्य को विशेष जानकारी प्रदान की जा रही है। जिसके माध्यम से इस रहस्य में जीव के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकें। कार्यक्रम को सफल बनाने में छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के कार्यकर्ता लोकेश राज चौहान, रघु सिंह, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई के सेक्रेटरी दिनेश कुमार, सह सचिव वेदव्रत उपाध्याय, सदस्य सुमित सिंह व निधि सिंह ने योगदान दिया। इनके साथ मिलकर विशेष आमंत्रण पर कोरबा आए रवि नायडू द्वारा जागरूकता के अनेक कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहा है।