मस्तूरी पुलिस की सफलता का सिलसिला जारी, अब तक इस थाना क्षेत्र से 10 बालिकाओं को बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। इसी कड़ी में इसी साल 17 अगस्त और 16 अक्टूबर को मस्तूरी क्षेत्र से दो नाबालिग बालिकाएं अपने घरों से बिना बताए निकल गईं थीं। परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर पुलिस टीम साइबर सेल की मदद से लगातार उनका पता लगाने की कोशिश में जुटी थी। ये कोशिशें रंग लाई और दोनों को बालिकाएं महाराष्ट्र के पुणे से बरामद किया गया। आखिर कई महीनों के बाद बेटियां घर लौटी और उन्हें सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
बिलासपुर(theValleygraph.com)। पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संतोष सिंह द्वारा बिलासपुर जिले में गुमशुदा बालिकाओं (girls missing) की पतासाजी कर उनके परिजनों को सुपुर्द करने निर्देशित किया गया है। जिसके परिप्रेक्ष्य में अतिरिक्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा एवं उपपुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) उदयन बेहार के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी मस्तूरी निरीक्षक रविन्द्र अनंत के नेतृत्व में एक टीम बनाकर लगातार गुम बच्चों, महिला व पुरुषों की लगातार पतासाजी की जा रही है। इसी कड़ी में थाना के अंतर्गत नाबालिक बालिका 17 अगस्त को अपने घर से बिना बताए कही चली गई। परिजनों कि रिपोर्ट पर धारा 363 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गुम बालिका की पतासाजी की जा रही थी। विवेचना दौरान अपहृत बालिका की पता साजी के लिए अथक प्रयास किया जा रहा था। बालिका को मस्तुरी पुलिस टीम द्वारा सायबर टीम के सहयोग से पुणे से बरामद किया गया। बालिका को उसके माता पिता को सुपुर्द कर दिया गया है। इसी तरह एक अन्य गुम बालिका 16 अक्तूबर को बिना बताए घर से चली गई थी। नाबालिक के पिता की रिपोर्ट पर धारा 363 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान अपहत बालिका को भी पुणे महाराष्ट्र से बरामद कर उसके माता पिता को सुपुर्द कर दिया गया है। अब तक मस्तूरी थाना क्षेत्र से 10 बालिकाओं को बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा जा चुका है। इस कार्यवाही में सहायक उप निरीक्षक हेमन्त पाटले, आरक्षक रूपेश साहू,महिला आरक्षक चंदा यादव का विशेष योगदान रहा।