तेज-तर्रार और बेदाग शख्सियत, यही है IAS पी दयानंद की खासियत, जिन्हें मिली सेक्रेटरी टू CM की कमान


2006 बैच के कुशल आईएएस अफसर पी दयानंद आज से छत्तीसगढ़ के सबसे खास और पावरफुल अफसर बन गए हैं। उन्हें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से नवाजा गया है। पूर्ववर्ती शासन में लंबे समय तक अपनी योग्यता और परफोर्मेंस से विपरीत ओहदे पर वक्त गुजारते रहे पी दयानंद ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने कई अहम योगदान अर्पित लिए, जो एक आईएएस अधिकारी की भूमिका को चिन्हित करता है। सत्ता परिवर्तन के बाद ही सही, 23 साल के युवा छत्तीसगढ़ को अब 17 साल के उनके अमूल्य तजुर्बे का उचित लाभ मिलने का दौर आ गया है, जिन्हें ग्राउंड जीरो पर जाकर जनहित की योजनाओं का खाका बनाने और उसे धरातल पर लाने का फन बखूबी आता है।

रायपुर(theValleygraph.com)। छत्तीसगढ़ में नई सरकार के सीएम की शक्तिशाली चेयर पर काबिज होने के सप्ताहभर के भीतर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने पहले कार्यकाल की पहली प्रशासनिक सर्जरी की है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2006 बैच के अफसर पी. दयानंद को मुख्यमंत्री का सचिव नियुक्त किया गया है।

किसी भी राज्य में CM का सेकरेट्रिएट सबसे पावरफुल होता है और सेकरेट्री टू सीएम सबसे पावरफुल अफसर कहलाता है। छत्तीसगढ़ की बदली हुई सरकार में लंबे समय से सीएम सेकरेट्री का इंतजार चल रहा था। मंगलवार की देर रात वो इंतजार आखिरकार खत्म हुआ। सीएम सचिवालय की कमान दी गई है, 2006 बैच के IAS पी दयानंद को। अपनी कड़क मिजाजी और बेदाग छवि की पहचान रखने वाले पी दयानंद ने पिछले 5 साल गुमनामी में गुजराने के बाद बहुत ही मजबूती के साथ वापसी की है। उनके मुख्यमंत्री सचिव बनने के बाद कहा जा रहा है ब्यूरोक्रेसी में काफी कुछ बदलाव दिख सकता है। ईमानदार और साफ सुथरी छवि के अफसर कहे जाने वाले पी दयानंद को हमेशा से रिजल्ट देने वाले अफसरों में गिना जाता है। ये बात अलग है कि पिछली सरकार में उन्हें वो ओहदा नहीं मिला, जिसके वो हकदार थे।

सुकमा और कोरबा में एजुकेशन हब का उपहार

मूलतः बिहार के सासाराम के रहने वाले पी.दयानंद की गिनती तेज तर्रार IAS अफसरों में की जाती है। सुकमा, कोरबा, बिलासपुर सहित प्रदेश के चार जिलों की कमान संभाल चुके आईएएस अफसर पी.दयानंद को शिक्षा के क्षेत्र में एजुकेशन हब के जरिये बेहतर शिक्षा व्यवस्था की नींव रखने के लिए भी पहचाना जाता है। 2006 बैच के IAS अफसर पी.दयानंद के पिछले कार्यकाल को देखा जाये तो उन्होने अपने प्रोबेशन पीरियड नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिला में जिला पंचायत सीईओ के तौर पर पूरा किया। इसके बाद सुकमा जिला का कलेक्टर बनने के बाद पी.दयानंद ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बेहतर शिक्षा के लिए एजुकेशन हब की नीव रखी। अपनी देखरेख में तैयार कराये गये इस संस्थान में आज भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के होनहार बच्चे बेखौफ होकर अपनी शिक्षा पूरी कर रहे हैं। 

ग्राउंड जीरो से जुड़कर जनहित की प्लानिंग में माहिर

कवर्धा और फिर कोरबा में कलेक्टर रहते पी.दयानंद ने कई अहम काम किए। कोरबा जिला के कलेक्टर रहने के दौरान ही केंद्र सरकार द्वारा जिला खनिज न्यास मद का गठन किया। जिसमें ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर जनहितकारी कार्यो की कार्य योजना तैयार कराया गया। IAS पी.दयानंद द्वारा कोरबा में भी आदिवासी बच्चों के लिए एजुकेशन हब का निर्माण कराया गया। जहां एक साथ 5 हजार बच्चों के आवासीय शिक्षा की पूरी व्यवस्था तैयार कराई गई है। इसके साथ ही एसईसीएल की खदानों से प्रभावित लोगों के लिए विशेष कार्य योजना तैयार कर उनके रहवास को माॅडल गांव के तर्ज पर सर्व सुविधायुक्त बनवाया गया। इसके बाद उन्होंने बिलासपुर जिला में कलेक्टर रहते हुए न्यायधानी के अधोसंरचना के विकास के साथ ही पीएम आवास और स्वच्छ भारत अभियान में विशेष कार्य किए।

वोटिंग अवेयरनेस के लिए बैलगाड़ी में निकले, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया

आईएएस अधिकारी पी दयानंद का नाम गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में भी दर्ज है। उन्हें वोटिंग अवयरनेस के लिए चलाए गए अभियान के लिए यह उपलब्धि मिली है। आईएएस दयानंद ने बिलासपुर कलेक्टर रहते वोटिंग एवेयरनेस के लिए अनूठी पहल की थी। इसके तहत 2 लाख 19 हजार लोगों ने शपथ पत्र भरकर मतदान का संकल्प लिया था। उन्होंने विशेष संरक्षित जनजाति में संरक्षित बैगाओं को भी मतदान के लिए प्रेरित किया और खुद ही बैलगाड़ी पर भी निकले। स्वीप कार्यक्रम के तहत आयोजित मतदाता जागरूकता अभियान का समापन 12 नवंबर 2018 को हुआ था।


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