नगर पालिक निगम कोरबा के फिल्टर प्लांट कोहड़िया में विदाई व सम्मान समारोह आयोजित, जलापूर्ति विभाग विभाग के अफसर-कर्मी रहे मौजूद। हेंडपंप मैकेनिक श्री पांडेय व प्रयोगशाला सहायक श्री कश्यप को शॉल-श्रीफल से किया गया सम्मानित, भेंट किए उपहार। अफसर-कर्मियों ने साझा किए दोनों कर्मचारियों के कार्यकाल से जुड़े अनुभव और खट्टे-मीठे किस्से।
कोरबा(thevalleygraph.com)। नगर निगम कोरबा में वर्षों समर्पित होकर सेवा प्रदान करने वाले दो वरिष्ठ कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। इस अवसर पर निगम के जलापूर्ति विभाग के अफसरों व साथी कर्मचारियों ने विदाई समारोह का आयोजित किया। इस अवसर पर सेवानिवृत्त दोनों कर्मियों को शॉल-श्रीफल के साथ उपहार भेंटकर सम्मानित किया गया और सर्विस के दौरान कुछ खट्टी व कुछ मीठी यादें भी साझा की गई।
सेनवानिवृत्ति हुए कर्मचारियों में जलोपचार संयंत्र (फिल्टर प्लांट) कोहड़िया में प्रयोगशाला सहायक रहे शिवकुमार कश्यप और जलापूर्ति विभाग (40 एचपी बुधवारी चौक) में ही कार्यरत रहे हेंडपंप मैकेनिक गजेंद्र कुमार पांडेय शामिल हैं। कार्यक्रम में मौजूद रहे नगर निगम के कार्यपालन आरके महेश्वरी, सहायक अभियंता राकेश मसीह, उप अभियंता प्रमोद जगत, उप अभियंता रवि सूर्यवंशी, ठेकेदार पवन जायसवाल ने अन्य कर्मियों के साथ उनका स्वागत-अभिनंदन किया। उन्हें रोली-गुलाल लगाया गया, शॉल ओढ़ाया और श्री-फल भेंटकर सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्त निगमकर्मी श्री पांडेय व श्री कश्यप को विशेष उपहार भी भेंट किए और सेवा के बाद का जीवन स्वस्थ, सुखमय, शांति और सुकूनभरा होने की कामना भी की गई।
घर-घर शुद्ध जल पहुंचाने में इनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा : EE महेश्वरी
इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद रहे नगर निगम के कार्यपालन आरके महेश्वरी ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 67 वार्ड हैं, जो कई मील के दायरे में फैले हुए हैं। इस विस्तृत क्षेत्र में कॉलोनियों, बस्तियों व निकाय के नजदीकी गांवों समेत लाखों की आबादी निवास करती है। कोरबा के इन नागरिकों के लिए प्रतिदिन पीने के शुद्ध-स्वच्छ व उपचारित जल की सुगम आपूर्ति और सुलभ पहुंच सुनिश्चित करने नगर निगम के जलापूर्ति विभाग के कर्मी 12 महीने, सातोे दिन और चौबीस घंटे कार्य में जुटे रहते हैं। बीते तीन दशकों से भी अधिक समय से लोगों के लिए पीने के शुद्ध पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेंडपंप मैकेनिक रहे गजेंद्र कुमार पांडेय व प्रयोगशाला सहायक शिवकुमार कश्यप भी शामिल रहे, जिनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।