खेलते खेलते एक मासूम बच्ची रास्ता भटक गई और अपने घर से कहीं दूर चली आई। इस बात से जहां परिवार बेखबर था, बालिका एक स्थान पर रोती बिलखती बैठी किसी के मदद की राह देखती रही। किसी भले आदमी की नजर उस पर पड़ी और बिना वक्त गंवाए उसने डायल 112 पर कॉल कर दिया। पुलिस टीम ने भी सतर्कता दिखाई और तत्काल मौके पर पहुंची। डायल 112 की टीम ने पहले तो बच्ची को शांत कराया, फिर बड़ी सूझ बूझ का परिचय देते हुए किसी तरह तलाश करते उसके घर का पता भी लगाया। इस तरह अपने परिवार से मिलकर बालिका के उदास चेहरे पर मुस्कान की संतुष्टि का पुरस्कार लिए डायल 112 की टीम ने अपना ये मिशन सफलता पूर्वक पूरा किया।
बिलासपुर(theValleygraph.com)। डायल 112 छत्तीसगढ़ द्वारा आपातकालीन सेवा एवं जनकल्याण के दृष्टिकोण से लगातार कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में डायल 112 कमांड सेंटर रायपुर को सूचना प्राप्त हुई कि बिलासपुर ज़िले के सरकंडा क्षेत्र में 10 साल की एक बालिका अपने घर का रास्ता भूल गई और भटक कर मस्जिद चौक पहुंच गई। परिवार से बिछड़ जाने पर वह एक स्थान पर बैठी रो रही थी। सूचना की गंभीरता को देखते हुए 112 सरकंडा की टीम तत्काल मौके पर पहुची। उन्होंने देखा कि बच्ची बहुत परेशान थी और लगातार रो रही थी। उसे किसी तरह शांत कराया गया। लेकिन नाम और पता पूछने पर भी वह कुछ नहीं बता पा रही थी। टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए बच्ची को 112 वाहन में बैठा कर पतासाजी शुरू की। परिवार की तलाश करते हुए टीम सिंगार कॉलोनी में पहुंची, जहां एक जगह कीर्तन हो रहा था। वहां पूछताछ करने पर एक महिला द्वारा बच्ची की पहचान की गई। उसने बताया कि वह शक्ति चौक के पास रहती है। उस महिला को भी 112 की गाड़ी मे बैठा कर शक्ति चौक पहुंचे, जहाँ बच्ची की पहचान हो सकी। बच्ची के पिता व बड़ी बहन घर पर ही थे। उन्हें सख्त हिदायत देकर बच्ची को उनके सुपुर्द किया गया।
डायल 112 के इस सराहनीय कार्य में कॉलर और बच्ची के परिजनों ने बिलासपुर पुलिस एवं तारबहार 112 के आरक्षक 1221 सूर्यकांत राठौर व चालक सरजू धनवार का धन्यवाद किया गया। न्यायधानी बिलासपुर के पुलिस कप्तान रजनेश सिंह (IPS) एवं पुलिस अधीक्षक डायल 112 ने टीम के इस सराहनीय कार्य की सराहना की है।