नाराज पार्षदों ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी से की मुलाकात, कहा साथी पार्षद अमरजीत हो रहे प्रताड़ित, निजात नहीं मिली तो देंगे सामूहिक इस्तीफा


कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कु. शैलजा और प्रभारी मंत्री शिवकुमार डहरिया के समक्ष कांग्रेसी पार्षदों का छलका दर्द।

कोरबा(thevalleygraph.com)। शुक्रवार को जिले के प्रवास पर पंहुची कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कु. शैलजा और प्रभारी मंत्री शिवकुमार डहरिया के समक्ष कांग्रेसी पार्षदों का दर्द छलक आया। कोरबा पश्चिम क्षेत्र के पार्षनों और वार्डवासियों ने प्रभारी से मुलाकात कर कोरबा नगर निगम के एमआईसी सदस्य व वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद अमरजीत के समर्थन में अपनी बात रखी। अपनी मांग के समर्थन में मुलाकात ज्ञापन सौंपा गया है। पार्षदों ने कहा है कि साथी पार्षद अमरजीत और उनके परिजनों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। 27 कांग्रेसी पार्षदों ने ज्ञापन सौंपकर इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। नगर निगम के 27 कांग्रेसी पार्षदों ने हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सौंपा है। अमरजीत को राहत नहीं मिलने पर पार्षदों ने प्रदेश प्रभारी और प्रभारी मंत्री शिव डहरिया के समक्ष इस्तीफा दे देने की बात भी कही है।

इस घटना के बाद से है नाराजगी

पार्षदों ने बताया की बीते 3 से 4 माह पूर्व कुसमुंडा खदान में एक मारपीट की घटना हुई थी। जिसमे बेवजह क्षेत्र के पार्षद अमरजीत सिंह का नाम घसीटा गया है। जबकि घटना के वक़्त वह मौके पर मौजूद भी नहीं थे। पुलिस ने इसी मारपीट की घटना के बाद अमरजीत के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर दिया है। अमरजीत को झूठे मामले में फंसाया गया है। जबकि घटनाक्रम के वक्त पार्षद अमरजीत सिंह एमआईसी सदस्यों की मीटिंग में कोरबा में उपस्थित थे। ऐसे में पुलिस ने बिना जांच किए उनका नाम इस घटनाक्रम से जोड़कर उनके खिलाफ अपराध दायर कर दिया है।

कांग्रेसी और परिजन लगातार है परेशान

कांग्रेसी पार्षदों का आरोप है कि अपराध पंजीबद्ध करने के बाद से लेकर अब तक पुलिस द्वारा लगातार कुसमुंडा स्थित ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय और पार्षद अमरजीत के निवास में दबिश दी जा रही है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और परिजनों को परेशान किया जा रहा है। जिसकी शिकायत आज प्रदेश प्रभारी कु. व जिला प्रभारी मंत्री शिवकुमार डहरिया को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गयभ कि जल्द ही पार्षद अमरजीत सिंह को इस मामले में राहत देते हुए इस झूठे मामले से उनका नाम हटाया जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो सभी कांग्रेसी निर्वाचित पार्षद व जनप्रतिनिधिगण अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे।


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