बेटे की चाह थी अधूरी थी। एक के बाद एक दो बेटियां हुई और तीसरी बार भी घर आंगन में बेटी की किलकारी ही गूंजी। पर यही तो नियति और प्रकृति है, जिस पर इंसान का बस नहीं चलता। पर आज भी रूढ़िवादी सोच इस कदर हावी है कि इस बार एक मां के दिल में पत्थर पड़ गए और दिमाग पर हैवान सवार हो गया। बेटे की अधूरी चाह और समाज की कुंठित सोच में उलझ गई इस मां ने ही अपनी आंखों का ‘तारा’ बुझा दिया और केवल चौबीस दिन की नन्हीं अबोध बिटिया तारा को जीते जी आधी रात कुएं में फेंक आई। पहले तो गायब होने के बहाने गिनाए गए और गुमराह करती रही। पर जब पुलिस ने गंभीरता से पूछताछ की गई तो अंत मे आत्म ग्लानि वश इस बेदर्द और निर्दयी मां ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
बिलासपुर(theValleygraph.com)। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार 1-07-2024 को प्रार्थी करन गोयल निवासी ग्राम किरारी ने थाना उपस्थित आकर अपनी 24 दिन की बच्ची की गुमने की रिपोर्ट पर तुरंत प्रकरण में विधिवत एफआईआर दर्ज किया गया। प्रकरण की संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह द्वारा प्रकरण की गंभीरता से जांच करने अति पुलिस अधीक्षक श्रीमती अर्चना झा, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय उदयन बेहार, थाना प्रभारी मस्तूरी अवनीश पासवान को निर्देशित किया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मौके पर एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड को बुलाकर मौके का निरीक्षण किया गया। साथ ही घटनास्थल के आसपास कुंवे और तालाब को स्थानीय मदद से घटना दिन को ही तलाशा गया था। प्रकरण की पूछताछ में प्रार्थी ने बताया कि हसीन गोयल से शादी से दोनों की तीन बेटियां हैं। सबसे छोटी बालिका 24 दिन की थी। रविवार 30 जून 2024 को रात्रि करीब 10.00 बजे पूरा परिवार खाना खाकर सभी सो गए थे। रात्रि करीब 2.30 बजे उसकी पत्नी हसीन गोयल ने नींद से जागकर बताया कि रात में करीब 1-00 बजे लडकी को दूध पिलाकर सो गई और जब पलटकर देखा तो छोटी बच्ची बिस्तर पर नहीं थी। तब घर के सभी लोगो द्वारा घर और आसपास में खोजबीन करने पर भी बच्ची नहीं मिली। जिसके बाद सभी घरवाले से बारीकी से पूछताछ करने पर यह तथ्य सामने आया कि घरवालों ने सोने से पहले घर का दरवाजा स्वयं बंद किया था और और बच्ची के गुम होने के बाद खोजने के दौरान दरवाजा स्वयं खोला था। इस तरह घटना में घर के किसी व्यक्ति के शामिल होने की पूरी संभावना थी। अगले दिन आसपास के कुवें और तालाब की गोताखोरों से खोज करवाई गई, जिनकी मदद से बच्ची का शव प्रार्थी के घर के सामने कुआ से निकाला गया। इस दौरान घटनास्थल का नवीन कानून के तहत वीडियोग्राफी की गई। बच्ची का पीएम कराने पर डॉक्टर द्वारा पानी में डूबने से बच्ची की मृत्यु होना बताने पर प्रकरण में धारा 103 बीएनएस(हत्या) जोड़ी गई। शव मिलने के पश्चात सभी परिजनों से मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक तरीके से पूछताछ की गई । पूछताछ में सभी के द्वारा घटना करने से इंकार किया गया। किंतु बच्ची की मां से पूछताछ के दौरान बच्ची के जाने के बाद भी दुःख या पछतावे के भाव नहीं दिख रहे थे,जिस पर से उस पर संदेह हुआ । इसी दौरान मृत बच्ची के अंतिम संस्कार के बाद बच्ची की मां भावनात्मक रूप से टूट गई और बताया कि उसको लड़के की चाह थी पर उसकी लड़की हुई जिससे घर मे उसका मान सम्मान कम हो जायेगा ऐसा सोचकर जब घर के सभी सदस्य सोये थे तो उसे उठाकर घर के सामने वाला कुंआ मे जिंदा फेंक देना गवाहो के समक्ष कबूल करने पर आरोपिया को आज दिनांक 03-07-24 को विधिवत गिर. कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है।
प्रकरण के संपूर्ण खुलासे की में थाना प्रभारी मस्तूरी अवनीश पासवान, थाना प्रभारी पचपेड़ी ओमप्रकाश कुर्रे, चौकी प्रभारी मल्हार विष्णु यादव, एएसआई हेमंत पाटले, संजय यादव, एएसआई पवन सिंह , एसीसीयू से प्र.आर. देवमुन पुहुप एवं अन्य स्टाफ ,महिला प्रधान आरक्षक संगीता नेताम महिला एवं अन्य मस्तूरी थाना स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
अपील: बिलासपुर पुलिस की आम जनता से अपील है कि इस तरह के कृत्य ने पूरे समाज के प्रति एक गंभीर अमानवीय अपराध घटित किया है। जो कि हृदयविदारक है। माता पिता और एक परिवार के तौर पर हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम लड़के और लड़की में विभेद न करते हुए उन्हें समान प्रेम, संस्कार और परवरिश दें।