इस बार किसान अपने फिंगरप्रिंट से ही बेच सकेंगे धान, समितियों में लगाई जाएंगी बायोमेट्रिक मशीनें


प्रक्रिया में पारदर्शिता और व्यवस्था में कसावट के लिए खास बदलाव की तैयारी। पंजीयन में संशोधन के लिए 30 सितंबर तक समिति में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। नए पंजीयन व पंजीकृत फसल या रकबे में संशोधन का काम 31 अक्टूबर तक पूरा करना होगा।

कोरबा(thevalleygraph.com)। वैसे तो धान खरीदी का वक्त अभी नहीं आया है, लेकिन विभागीय तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। पर इस बार एक नया और अहम बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत पहली बार किसान अपने फिंगरप्रिंट के जरिए धान विक्रय करेंगे। यानि उंगलियों के निशान से उनकी पहचान सुनिश्चित होगी और उसके बाद ही उनका धान समिति में क्रय किया जा सकेगा। धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और कसावट लाने की मंशा से यह नई व्यवस्था लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है।

पिछले साल से इस बार धान खरीदी कुछ मामलों में अलग रहने वाला है। जिले में समर्थन मूल्य पर होने वाली धान की खरीदी में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए इस साल किसानों की पहचान बायो मेट्रिक्स निशान से करेंगे। अब तक राशन दुकानों में ही राशन लेने के लिए नॉमिनी बनाने की सुविधा दी गई थी, लेकिन अब उसी तर्ज पर धान खरीदी में भी यह सुविधा लागू की गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल धान की ज्यादा खरीदी की संभावना जताई जा रही है। इसी को देखते हुए बेचने आने वाले किसानों का मौके पर ही फिंगर प्रिंट लिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के लिए धान खरीदी किसी उत्सव से कम नहीं है क्योंकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक धान की खेती पर टिकी है। यदि किसान स्वयं खरीदी केंद्र जाकर धान नहीं बेच सकता तो वह नॉमिनी द्वारा खरीदी केंद्र में उपस्थित होकर बायोमेट्रिक एथेन्टीकेशन के आधार पर धान बेच सकता है। यदि इस आधार पर धान बेचने में कठिनाई होती है तो ट्रस्टेड पर्सन द्वारा बायोमेट्रिक एथेन्टीकेशन कर धान बेचा जा सकेगा।

अभी आधार से जोड़ रहे, जो बाद में मशीन से करेगा पहचान का मिलान
अभी समितियों में किसानों के आधार नंबर लिंक कर डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसमें पहले से ही किसानों के बायोमेट्रिक रिकार्ड दर्ज होते हैं। खरीदी के वक्त इसी रिकार्ड से मिलान कर खरीदी की जाएगी। सबसे खास बात ये है कि इस सुविधा से धान खरीदी में होने वाली गड़बड़ी में काफी हद तक रोक लगने की संभावना है। अब वहीं किसान धान बेच सकेंगे जो धान उगाएंगे। अथवा उनके द्वारा तय व्यक्ति धान की बिक्री कर सकेंगे। हालांकि पहले से पंजीकृत किसानों को सहकारी समिति द्वारा सॉफ्टवेयर के लॉगिन में मैन्युअली कैरी फारवर्ड किया जाएगा।

नए किसानों का पंजीयन जरूरी, 30 सितंबर तक वक्त : नोडल अधिकारी जोशी
इस संबंध में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा क्षेत्र के जिला नोडल अधिकारी सुशील जोशी ने बताया कि नए पंजीयन और पंजीयन में संशोधन के लिए किसानों को जरूरी दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, पासबुक की छायाप्रति आदि अपनी सहकारी समिति में जमा करनी होगी। दस्तावेजों के परीक्षण व सत्यापन के बाद सहकारी समिति द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल में किसानों का पंजीयन किया जाएगा। श्री जोशी ने बताया कि पंजीयन में संशोधन के लिए 30 सितंबर तक समिति में आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। नए पंजीयन व पंजीकृत फसल या रकबे में संशोधन का काम 31 अक्टूबर तक पूरा करना होगा।

बुजुर्ग हैं, नहीं आ सकते तो अधिकतम एक नॉमिनी की भी सुविधा

कई वृद्ध किसानों का बायो मेट्रिक्स निशान नहीं आता। ऐसे में उन्हें नॉमिनी बनाने की सुविधा दी जा रही है। जो नॉमिनी नहीं बनाएंगे वे ट्रस्टेड पर्सन (विश्वसनीय व्यक्ति ) की मदद से भी अपनी उपज बेच सकेंगे। किसान यदि खरीदी केंद्र जाकर धान नहीं बेच सकता तो वह अपने मां,पिता, पति, पत्नी, पुत्र, दामाद, बेटी, बहू, सगे भाई, बहन व अन्य करीबी रिश्तेदार को नॉमिनी बना सकता है। इसके अलावा वह किसी को भी नॉमिनी नियुक्त नहीं कर सकेगा। किसान विश्वसनीय व्यक्ति द्वारा बायोमेट्रिक एथेन्टीकेशन कर धान बेच सकता है। एक खरीदी केंद्र में एक से अधिक विश्वसनीय व्यक्ति हो सकता है। विश्वसनीय व्यक्ति उस सहकारी समिति का नहीं होगा। कलेक्टर द्वारा नामांकित अधिकारी मसलन सहायक खाद्य अधिकारी, खाद्य निरीक्षक, सहकारिता विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, खरीदी केंद्र का नोडल अधिकारी आदि में से कोई भी विश्वसनीय व्यक्ति हो सकता है।

फैक्ट फाइल (वर्ष 2022-23 की स्थिति)

  • धान खरीदी – 21.29 क्विंटल
  • धान खरीदी की राशि- 434.36 करोड़
  • जिले में पंजीकृत किसान- 47000
  • समिति- 41
  • उपार्जन केंद्र- 60
  • बैंक शाखाएं- 6
  • ऋणि शाखाएं- 4
  • डिपॉजिट शाखाएं- 2

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