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प्रकृति का पर्व करमा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक हैं, वे प्रकृति से प्रेम करते हैं और पर्यावरण की रक्षा में उनकी अहम भूमिका है : मंत्री लखनलाल देवांगन

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आदिवासी शक्ति पीठ में आदिवासी धनवार समाज द्वारा आयोजित करमा महोत्सव में शामिल हुए मंत्री लखनलाल देवांगन, शक्तिपीठ की पूजन अर्चना की

कोरबा। महाराणा प्रताप चौक स्थित विश्व के प्रथम आदिवासी शक्ति पीठ में छत्तीसगढ़ आदिवासी धनवार समाज द्वारा आयोजित करमा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने समाज के वरिष्ठ जनों के साथ शक्तिपीठ में पूजा अर्चना की। साथ ही करमा देव का पूजन कर सभी को करमा महोत्सव में उपस्थित होकर लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर अधिक संख्या में उपस्थित समाज के लोगों को संबोधित करते हुई कहा कि प्रकृति पर्व करमा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। प्रकृति की रक्षा के लिए सामूहिक भागीदारी बेहद जरूरी है। करमा संस्कृति एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक हैं। प्रकृति से प्रेम करते हैं और पर्यावरण की रक्षा में समाज की अहम भूमिका है। इससे समाज में आपसी भाईचारा भी प्रगाढ़ होता है। प्रकृति के प्रति लोगों का यही प्रेम, सम्मान और समर्पण से एकजुटता भी बढ़ती है। अपनी संस्कृति और अपने धर्म की रक्षा के लिए हम सभी आदिकाल से पूजन करते आ रहे हैं। आज प्रदेश के सीएम आदिवासी वर्ग से आते हैं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में आज प्रदेश में तेजी से विकास हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष पवन सिंह, बुटुल सिंह, ओम प्रकाश, महेश धनवार, लखन सिंह धनवार, बेरला बाई धनवार, कीर्तन धनवार, वीर साय धनवार, शिव नारायण कंवर, निर्मल सिंह राज, रामायण सिंह कंवर, सुमन सिंह नेताम, कोसाबाड़ी मंडल अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा, गुलजार सिंह राजपूत सहित अधिक संख्या में समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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