4 साल की मासूम से अनाचार, दोषी को 6 साल की सुनवाई के बाद 20 साल कठोर कारावास


अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (The Protection of Children from Sexual Offences Act) के न्यायालय का निर्णय।

कोरबा(thevalleygraph.com)। सहेलियों के साथ खेल रही चार साल की एक मासूम को पहले मिक्चर देने का लालच दिया। फिर बहला-फुसलाकर घर ले गया और अनाचार किया। मामले में दोषी को न्यायालय ने 20 साल कठोर कारावास की सजा चुनाई है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (POCSO) के न्यायालय ने सुनाया है। अदालत में छह साल तक चली सुनवाई के बाद दोषी को दंडित किया गया।

अतिरिक्त लोक अभियोजक राकेश जायसवाल ने बताया कि घटना कुसमुंडा थाना क्षेत्र में 9 जनवरी 2017 को घटित हुई थी। क्षेत्र में रहने वाली चार वर्षीय मासूम सहेलियों के साथ सड़क पर खेल रही थी। इसी दौरान 16 वर्षीय नाबालिग मौके पर पहुंचा। वह मासूम को मिक्चर देकर अपने साथ घर ले गया। मासूम के साथ उसकी सहेलियां भी घर पहुंच गई। नाबालिग ने मासूम को पकड़ लिया, जिससे घबराकर सहेलियां भाग निकली। जब मासूम घर पहुंची तो उसकी तबीयत बिगड़ चुकी थी। उसने अपने नाना और भाई को नाबालिग के करतूत की जानकारी दी। जब माता पिता काम कर घर पहुंचे तो उन्होंने मासूम के साथ थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने अपचारी बालक के खिलाफ धारा 376(3) व 6 पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। कुसमुंडा पुलिस ने विवेचना पश्चात अभियोग पत्र किशोर न्यायालय में पेश किया था, जहां से अंतरण पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) कटघोरा श्रीमती स्वर्णलता टोप्पो के न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के दौरान पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने पर दोष सिद्ध हो गया। मामले में न्यायालय ने 20 वर्ष कठोर कारवास से दंडित किया है।


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