खेल-खेल में जीव-जंतुओं की शारीरिक रचना से रूबरू हुए वनांचल के स्कूली बच्चे, सीखी अपने आस-पास के परिंदों को आवाजों से पहचानने की विधि


Video: छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई की टीम ने भोपाल गैस त्रासदी और वन्य प्राणी संरक्षण दिवस पर जागरूकता अभियान चलाया। वनांचल के स्कूल पहुंच पहुंचकर बच्चों को खेल-खेल में जीव-जंतुओं की शारीरिक रचना और आवाजों से पहचानने की विधि समझाई।


कोरबा(theValleygraph.com)। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा कोरबा इकाई द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला गढ़कटरा कोरबा में भोपाल गैस त्रासदी और वन्य प्राणी संरक्षण दिवस के अवसर पर स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के माध्यम से बच्चों ने जीव जंतुओं की शारीरिक रचना को समझने के लिए और उनकी पहचान करने के लिए रंग बिरंगी क्ले द्वारा क्ले मॉडल बनाये रंगों से लीफ प्रिंटिंग की गई और चित्र उकेरे गए।

सभी बच्चों को जीव जंतुओं के बचाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं की आवाजों को जानने के लिए जानकारी दी। स्तन धारी जीव जैसे हाथी, बल्लियों, नेवले, उदबिलाव एवं विषैले विषहीन सर्प, पक्षियों, कीट सम्बन्धी रोचक जानकारी निधि सिंह द्वारा दिन गई। विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक चर्चा मे भाग लिया। विभिन्न प्रकार के रसायनों का उपयोग करने में सावधानी और आग लग जाने की स्थिति में बचाव के उपाय छात्रों को बताए गए। “आलू मिर्ची चाय जी कौन कहां से आये जी” का गायन किया और उत्साहित हो कर कार्यशाला मे भाग लिया। कार्यशाला में सभी छात्र-छात्राओं को अंजू मेश्राम द्वारा प्रदान की गई पुस्तकों का वितरण किया गया। शासकीय प्राथमिक शाला गढ़कटरा के लेक्चरर श्रीकांत सिंह एवं अजय कुमार कोसले द्वारा विशेष सहयोग दिया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने योगदान दिया। छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा से निधि सिंह दिनेश कुमार और कमलेश दास द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


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