Video:- मोबाइल फोन के प्रति बढ़ती आदत को अपनी दिनचर्या में नियंत्रित करने के साथ दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने एक अच्छी पहल की गई। स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी इस मुहिम को धरातल पर लाने रानी लक्ष्मी बाई और सरदार भगत सिंह टीम का गठन किया। उन्होंने संकल्प लिया है कि शिक्षा के लिए जरूरी होगा, तभी वे मोबाइल फोन का उपयोग करेंगे। अपने संकल्प को निभाने के लिए उन्होंने पैरेंट्स-टीचर्स से भी सहयोग की अपील की है।
कोरबा(theValleygraph.com)। यह अच्छी पहल रानी लक्ष्मी बाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ढेलवाडीह के बच्चों ने की है। उन्होंने कार्यशाला के माध्यम से मोबाइल फोन के सही उपयोग को आपस में जाना और समझा। सभी बच्चों ने आपस में मिलकर शपथ ली है कि अब से मोबाइल का उपयोग या तो नहीं करेंगे या करेंगे तो भी उसका उपयोग ज्यादा से ज्यादा शिक्षा के लिए करेंगे। साथ ही मिडिल स्कूल के बच्चों ने दो टीमें, रानी लक्ष्मी बाई टीम एवं भगत सिंह टीम गठित की। जिसमे दोनों टीम आपस में मिलकर प्रति सप्ताह बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन करने की जिम्मेदार ली।
स्टूडेंट्स के उत्साहवर्धन के लिए इन टीम का विद्यालय के प्राचार्य अक्षय कुमार दुबे ने स्वागत किया साथ ही इनकी पहली कार्यशाला मोबाइल का उपयोग को सराहा और बच्चों को बताया कि मोबाइल का सही उपयोग क्या होता है । उन्हें प्रति दिन विद्यालय में हुई पढ़ाई को अपने मोबाइल के सभी जगह सर्च करने कहा जिससे उनके फोन में ऐ आई के माध्यम से गलत गलत वीडियो न आकर पढ़ाई से रिलेटेड ही वीडियो प्राप्त होगा।
मोबाइल के उपयोग से रोकना नहीं, सही इस्तेमाल के लिए युवाओं और बच्चों को प्रेरित करना होगा : अक्षय दुबे
मोबाइल से होने वाली हानि और मोबाइल की वजह से आज की नई जनरेशन में होने वाले बदलाव की वजह से बच्चों में जो आज समस्याएं हो रही जिससे बचने के लिए मोबाइल का सही उपयोग बच्चों को समय समय पर बताना बहुत ही आवश्यक हो गया है। आज मोबाइल का उपयोग करने से रोकना, यानी अपने बच्चों को आज की जनरेशन से पीछे भेजना होगा। परन्तु यदि उन्हें समय समय पर शिक्षक एवं माता पिता के माध्यम से मोबाइल का सही उपयोग एवं दिन में कितना उपयोग बचपन से ही बताया जाय, तो निश्चित ही उनका मानसिक विकास होने से और उनके बच्चों को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा ।
बच्चों ने प्रेरक स्लोगन के माध्यम से एक मैसेज भी दिया है, जिसे अपने परिवार, दोस्तों और आसपास के लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।
“कम उपयोग सही उपयोग…
जितनी जरूरत उतना उपयोग”