किसी एक्शन फिल्म की तरह धूम मचाते बैंक रॉबरी, पुलिस ने निभाया सवा शेर का किरदार और 24 घंटे में धर दबोचे शेरघाटी के 5 पेशेवर डकैत


पढ़िए इस ऑपरेशन रायगढ़ To शेरघाटी गैंग और बिलासपुर IG अजय यादव के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के सुपर कॉप्स के अब तक के सबसे तेज इन्वेस्टीगेशन की पूरी कहानी…अलग-अलग राज्यों में दर्ज चोरी, लूट और अपहरण जैसे बड़े मामलों के इन आरोपियों के गिरोह ने ही कोरबा के केनरा बैंक डकैती कांड को भी अंजाम दिया था। UP के मिर्जापुर क्षेत्र में व्यवसायी से लाखों रुपये की लूट में भी शामिल होने का शक।

कोरबा(theValleygraph.com)। किसी एक्शन फिल्म की तरह धूम मचाते आरोपी बैंक से करीब तीन किलो सोना और सवा चार करोड़ रुपए की रॉबरी कर फरार हो गए। दिन दहाड़े हुई कुल 5 करोड़ 62 लाख की इस डकैती में शामिल आरोपी अलग-अलग गाड़ियों से आए, अलग-अलग मौकों पर सही वक्त का इंतजार किया और वारदात को अंजाम देकर अलग-अलग दिशाओं में फरार हो गए। बिहार के शेरघाटी गिरोह से ताल्लुक रखने वाले इन बदमाशों ने एक बड़ी गलती कर दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस को कुछ कम आंका और सवा शेर का किरदार निभाते हुए हमारी पुलिस ने इन डकैतों को महज 24 घंटे में धर-दबोचा। एक खास बात यह भी है कि अलग-अलग राज्यों में दर्ज चोरी, लूट और अपहरण जैसे बड़े मामलों के इन आरोपियों के गिरोह ने ही कोरबा के केनरा बैंक डकैती कांड को भी अंजाम दिया था।

कोरबा के पड़ोसी जिला रायगढ़ में ढीमरापुर स्थित एक्सिस बैंक में पांच करोड़ 62 लाख की डकैती में झारखंड व बिहार के पेशेवर डकैतों का गिरोह शामिल था। वारदात के बाद सफेद रंग की कार व ट्रक से भाग रहे पांच डकैत राकेश कुमार गुप्ता पिता गणेश साव (22) निवासी बार थाना शेरघाटी जिला गया बिहार, उपेंद्र सिंह पिता सुंदरिका सिंह राजपूत (50) साल निवासी गुरुवा जिला गया बिहार निशांत उर्फ पंकज कुमार महतो उर्फ राजेश दास पिता जयदेव प्रसाद (32) निवासी खरसरी थाना मधुबन जिला धनबाद बिहार, राहुल कुमार सिंह पिता उपेंद्र लाल (22) निवासी ग्राम डोभी थाना डोभी जिला गया बिहार तथा अमरजीत कुमार पिता शंकर (24) निवासी भरारी थाना शेरघाटी जिला गया बिहार को पुलिस ने पकड़ा है। पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार क्रमांक जेएच 01 पीई 8641, ट्रक क्रमांक ओडी 09 बी 3677 के साथ चार करोड़ 18 लाख 46 हजार 435 रुपये नकद व 78 पैकेट में सोने का आभूषण बरामद किया है। तीन देसी पिस्टल व चार कट्टा भी बरामद किया गया है। वारदात में शामिल नीलेश रविदास (26) निवासी बनाठी शेरघाटी वर्तमान निवास रांची, सुनील पासवान (35) बनाठी शेरघाटी वर्तमान निवास रांची, अमित रविदास (40) बंगाली बिगहा थाना चंदौली गया बिहार, पवन कुमार (26) बेलागंज गया बिहार, विष्णु पासवान (45) टेकारी गया बिहार फरार है।

19 सितंबर की सुबह 2900 ग्राम सोना और चार करोड़ 19 लाख नकद की डकैती हुई। वारदात की सूचना से राज्य के सभी जिलों में नाकेबंदी कर संदिग्ध वाहनों की जांच की जा रही गई। पुलिस को झारखंड नंबर का एक संदिग्ध क्रेटा कार नजर आई थी। वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक मिलने पर पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले। उस कार की भी तलाश की जा रही थी। बलरामपुर एसपी डा लाल उमेंद सिंह के मार्गदर्शन में रामानुजगंज थाना प्रभारी संतलाल आयाम के साथ उप निरीक्षक बीएन शर्मा, अजय साहू, प्रधान आरक्षक नारायण तिवारी, प्रधान आरक्षक अतुल दुबे, आरक्षक अजय यादव, निकेश सिंह, रुपेश गुप्ता के साथ जांच की जा रही थी। इसी दौरान कार क्रमांक जेएच 01 एफ ई 8641 के रामानुजगंज की ओर आने की सूचना मिली। वाहन रामानुजगंज के फारेस्ट बेरियर पहुंचा। इसमें राकेश गुप्ता निवासी बार नकनुष्पा थाना शेरघाटी गया, निशांत कुमार उर्फ पंकज कुमार महतो खरखरी मधुवन धनबाद, झारखण्ड सवार थे। कार की तलाशी के दौरान नकदी से भरा बैग मिला। इसी समय एक सहयोगी उनके मोबाइल पर काल आया। इस समय मोबाइल पुलिस के कब्जे में था, सहयोगी ने भी रामानुजगंज पहुंचने की जानकारी दी। इस पर पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर ट्रक को पकड़ा। इसमें चालक उपेन्द्र सिंह निवासी कनौदी थाना गुरुवा के साथ अमरजीत कुमार दास निवासी भरारी थाना शेरघाटी गया बिहार एवं राहुल दास सवार थे। ट्रक के केबिन व डाले में डकैतों ने नकदी व सोने से भरे बैग को रखा था। आरोपितों के पकड़े जाने पर पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेंद सिंह के साथ पुलिस के आलाधिकारी पहुंचे। सूचना पर बुधवार की सुबह रायगढ़ एसएसपी सदानंद कुमार अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचे और रामानुजगंज थाने में प्रारंभिक पूछताछ के बाद सभी आरोपितों को रायगढ़ लाया गया।

कट्टा-पिस्टल साथ लाए, यहीं खरीदी गई तीन बाइक
वारदात से पहले आरोपितों ने रायगढ़ में ही तीन मोटरसाइकिल खरीदी। तीन कट्टा और चार पिस्टल उनके पास पहले से था। मोटरसाइकिल में सुनील पासवान, राहुल दास, निलेश रविदास, अमरजीत कुमार दास, निशांत उर्फ पंकज महतो बैंक के लिए रवाना हुए। कार में करीब तीन किलोमीटर दूर राकेश गुप्ता खड़ा था। सारंगढ़ में रुके विष्णु पासवान, अमित रविदास व पवन कुमार भी बैंक के पास पहुंच गए। बैंक खुलते ही अमित, सुनील पासवान, पवन, विष्णु, निलेश, राहुल, निशांत उर्फ पंकज अंदर घुसे। दो लोग बाहर बाइक में इंतजार कर रहे थे। वारदात के बाद सभी राकेश गुप्ता के पास पहुंचे। कार में सोना और नकदी से भरे बैग डालकर सभी अलग- अलग दिशा में फरार हो गए। जिंदल कारखाना के पास पहुंचकर कार से कुछ बैग को ट्रक में डाल दिया।

चार डकैत कार, दो बस से तथा तीन स्कार्पियो वाहन से पहुंचे

डकैती में शामिल 10 आरोपितों में से एक उपेंद्र सिंह पहले से ही रायगढ़ में था। चार डकैत कार से पहुंचे। राहुल दास, और नीलेश रविदास बस से रायगढ़ पहुंचे और राकेश गुप्ता से मिले। कार से इन दोनों को ट्रक चालक उपेंद्र के पास पहुंचाया। डकैत राकेश, अमरजीत, सुनील और निशांत उर्फ पंकज रायगढ़ शहर के बाहरी क्षेत्र के एक ढाबे में कार खड़ी कर रात गुजारी। तीन फरार डकैत विष्णु पासवान, अमित रविदास व पवन कुमार स्कार्पियो वाहन से सारंगढ़ में रुके थे।
जेल से दोस्ती, ट्रक खरीदकर दिया, दस माह से यहीं था चालक

पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वारदात में शामिल राकेश गुप्ता की पहचान ट्रक चालक उपेंद्र सिंह से पहले से थी। राकेश रायगढ़ पहुंचने के बाद अपने तीनों दोस्त राहुल, अमरजीत और सुनील पासवान की मुलाकात कराई। योजना में उपेंद्र पहले से शामिल था। दस महीने से आरोपित उपेंद्र सिंह रायगढ़ में रहकर जिंदल कारखाना से सामान लेकर गिरीडीह तक आना-जाना करता था। पुलिस के अनुसार सुनील पासवान गया जेल में बंद था। ट्रक चालक उपेंद्र का पुत्र भी जेल में बंद था। उपेंद्र के अपने बेटे से मुलाकात के दौरान उसकी सुनील पासवान से मुलाकात होने लगी। जेल से छूटने के बाद सुनील ने दोस्तों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में बैंक डकैती की योजना बनाई। इसके लिए- क्योंझर ओडिशा से 13 लाख में पुरानी ट्रक खरीदी और उपेंद्र सिंह के नाम पर किया। इसी कारण ट्रक से डकैती की रकम व जेवर को ले जाने की योजना बनाई गई।

घटना के दो दिन पहले आकार बैंक की रेकी

इस घटना के दो दिन पहले ही चार डकैत कार से रायगढ़ पहुंच गए थे। सबने बैंक की रेकी की थी। पुलिस के अनुसार आरोपित अमरजीत के कार से राकेश, निशांत उर्फ पंकज, अमरजीत, सुनील पासवान 17 सितंबर की सुबह शेरघाटी से रवाना होकर 18 सितंबर की सुबह रायगढ़ पहुंचे थे। इस गिरोह के सदस्यों ने झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में भी लूट तथा डकैती की वारदात को अंजाम दिया है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर ( mirzapur ) क्षेत्र में व्यवसायी से लाखों रुपये की लूट हुई थी। इसमें भी इन्हीं की संलिप्तता की आशंका पर उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम रामगंज पहुंची और प्रारंभक पूछताछ की।

कोरबा और सारंगढ़ के रास्ते रायगढ़ से निकले
ट्रक में रकम व सोना से भरे बैग को रखने के बाद चालक उपेंद्र सिंह, राहुल दास और अमरजीत ,कुमार दास उर्फ बाबू इसमें सवार हुए। कार में राकेश गुप्ता तथा निशांत उर्फ पंकज थे। कार व ट्रक में सवार डकैत कोरबा के रास्ते बिलासपुर- अंबिकापुर मुख्य मार्ग तथा कई स्थानों पर अंदरूनी रास्तों से होते हुए देर रात रामानुजगंज पहुंच गए। सुनील पासवान, निलेश रविदास, अमित रविदास, बिष्णु पासवान और पवन कुमार मोटरसाइकिल से सारंगढ़ पहुंचे। यहां अमित रविदास द्वारा ‘ लाए गए स्कार्पियो वाहन को छोड़ दिया था इसमें सवार होकर सभी फरार हो गए।

ये रहे ऑपरेशन रायगढ़ To शेरघाटी गैंग के हीरो
आईजी बिलासपुर अजय यादव तथा डीआईजी रामगोपाल गर्ग के मार्गदर्शन एवं एसएसपी सदानंद कुमार के नेतृत्व में एडिशनल एसपी अभिषेक वर्मा, एएसपी संदीप मित्तल, एसडीओपी खरसिया निमिषा पांडेय, एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा, नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय, डीएसपी सुशांतो बनर्जी, डीएसपी निकिता तिवारी, डीएसपी केके वासनिक, निरीक्षक शनिप रात्रे, प्रशांत राव आहेर, शरद चन्द्रा, आर्शीवाद राहटगांवकर, हर्ष वर्धन सिंह बैस, सुखनंदन पटेल, रामकिंकर यादव, कृष्णकांत सिंह, राकेश मिश्रा, अभिनवकांत सिंह, एसआई संजय नाग, कमल किशोर पटेल, सागर पाठक, दिपिका निर्मलकर, ए.एस.आई. इगेश्वर यादव, दिलीप बेहरा, रमेश शर्मा, प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, बृजलाल गुर्जर, सतीश पाठक, लोमश राजपूत, रेणु मंडावी, आरक्षक जगमोहन ओग्रे उत्तम सारथी, मनोज पटनायक, जगन्नाथ साहू, संतोष जायसवाल, धनुजय बेहरा, विनय तिवारी, बालचंद राव, धमेन्द्र प्रताप सिंह, प्रशांत पडां, महेश पंडा, विक्रम सिंह, विकास प्रधान, सुरेश सिदार, नरेश रजक, रविन्द्र गुप्ता, नवीन शुक्ला, धनंजय कश्यप, पुष्पेन्द्र जाटवर, सुरेन्द्र पोर्त डेमन ओग्रे, प्रमोद सागर आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।



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