कांग्रेस के प्रदेश सचिव की गिरफ्तारी, पुलिस कार्रवाई पर कांग्रेसियों ने उठाए सवाल


korba कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने जताया विरोध, विरोधी राजनीतिक दल को चुनाव में फायदा पहुंचाने का आरोप

कोरबा(thevalleygraph.com)। कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास सिंह की गिरफ्तारी के बाद कोरबा की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों नें पुलिसिया कार्रवाई का कड़े शब्दों में विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि फर्जी मामले दर्ज कर सरकार की छवि को कोरबा पुलिस धूमिल करने का प्रयास कर रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में विरोधी राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाने साजिश का आरोप भी लगाया है।
महापौर राजकिशोर प्रसाद, जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र जायसवाल और शहर अध्यक्ष सपना चौहान ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा है कि पुलिस का ध्यान सिर्फ और सिर्फ कोरबा जिले में डीजल, कोयला जैसे अवैध कार्यों को संचालित करने में है। जिले की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। कांग्रेसियों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। पुलिस विरोधी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव में फायदा पहुंचाने की साजिश रच रही, जिसे हम कामयाब होने नहीं देंगे। सरकार की छवि धूमिल करने के इन प्रयासों का हम विरोध करेंगे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वर्तमान में जिले के पुलिस महकमे में पदस्थ एसपी उदय किरण कांग्रेस विरोधी कार्य कर रहे हैं। वह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर षड्यंत्र रचकर झूठी कार्रवाई कर रहे हैं।,ताकि कांग्रेस को जिले में कमजोर किया जा सके। पुलिस ने एक तरह से अपना यह एजेंडा बना लिया है कि किस तरह से विपक्षियों को मजबूत करना है और कांग्रेस पार्टी को डैमेज करना है। हाल ही में विकास सिंह को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश सचिव बनाया है। ऐसे नेता जिन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी तवज्जो दे रही है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि उनके खिलाफ पुलिस षड्यंत्र रचकर कार्रवाई कर रही है। विकास सिंह पर एक फर्जी मामला दर्ज किया गया है। जिसका तथ्यों से कोई लेना देना नहीं है। वर्ष 2012 में एक महिला ने विकास सिंह पर 376 का मामला दर्ज कराया था। बाद में जब यह मामला कोर्ट तक पहुंचा। तब इस महिला को ही जज ने झूठा मामला दर्ज करने का दोषी पाते हुए 2 वर्ष के कारावास की सजा दी थी। अब यह बड़ा सवाल उठता है कि जिस महिला को कोर्ट ने ही झूठा साबित कर दो वर्ष की सजा दी थी। इस महिला की शिकायत को 8 साल बाद फिर से पुलिस ने संज्ञान में क्यों ले लिया। वर्ष 2020 में जब उदय किरण जिले में एडिशनल एसपी थे। तब विकास को प्रताड़ित किया गया। फिर कुछ दिनों के लिए यह मामला शांत रहा। अब जब वह फिर से जिले के एसपी हैं। तब विकास को इसी मामले में फंसाया जा रहा है। एक झूठी महिला की शिकायत पर विकास सिंह पर एक्ट्रोसिटी और न जाने क्या-क्या फर्जी मामले दर्ज कर लिए गए हैं।
थाने का प्रभार नहीं लेना चाहते अफसर
कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि विकास सिंह के विरुद्ध यह फर्जी मामला दीपका थाने में दर्ज किया गया है। हाल ही में बेहद गोपनीय तरीके से दीपका थानेदार तेज प्रकाश यादव को लाइन अटैच किया गया। जिसके पीछे का सच यह है कि विकास सिंह पर फर्जी मामला दर्ज करने का दबाव टीआई पर बनाया गया था, लेकिन टीआई इस मामले में तटस्थ रहे और जिसका खामियाजा उन्हें लाइन अटैच होकर भुगतना पड़ा। जिले में यह बेहद सामान्य बात हो चुकी है। जितने भी सुलझे हुए टीआई हैं। जो जनता की सेवा करना चाहते हैं, वे थाने का प्रभार नही लेना चाहते। उनके मन में डर है, कि कब किसके खिलाफ कोई फर्जी प्रकरण दर्ज करने को कह दिया जाए।

कांग्रेसी पार्षद को भी झूठे मामले में फंसाया
वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पार्षद अमरजीत सिंह को भी पुलिस ने प्रताड़ित किया। उन्हें भी मारपीट के एक झूठे मामले में फंसा दिया गया है। जबकि जब यह तथाकथित मारपीट हुई, तब वह मेंबर इन काउंसिल की बैठक में कोरबा में मौजूद थे। मारपीट कुसमुंडा खदान में हुई थी। इसी मारपीट की घटना में उनका नाम जोड़कर उन्हें आरोपी बना दिया गया। पुलिस इस तरह से झूठे प्रकरण दर्ज कर, खासतौर पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है, यह बेहद दुर्भाग्यजनक है।

प्रदेश सचिव गिरफ्तार, कोर्ट में किए गए पेश
पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास सिंह को कनकी के समीप गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ एक युवती की शिकायत पर 354, 506, 509 व एससी एसटी एक्ट के तहत जुर्म पंजीबद्ध किया गया था। मामले में वैधानिक कार्रवाई करते हुए गुरूवार को कोरबा स्थित न्यायालय में पेश किया गया, जहां लंबे समय तक जमानत अर्जी पर सुनवाई चलती रही। वे कांग्रेस के प्रदेश सचिव नियुक्त होने से पहले छात्र नेता के अलावा पार्टी के विभिन्न पदों पर आसीन थे।
जिले में अराजकता का माहौल
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि जिले मे अराजकता का माहौल है। अपराधिक प्रवृत्ति के लोग लगातार घटना को अंजाम दे रहे हैं। इसी तरह के मामले में गत दिनों मीडिया कर्मी उमेश यादव पर भी एक कंपनी के 10-12 बाउंसरों ने हमला कर दिया था। गुंडों ने मोबाइल फोन और लाखों रुपये भी लूट लिया। घटना के 10 दिन बाद भी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी नहीं की गई है। आरोप है कि कुछ समय पहले पत्रकार रफीक मेमन के विरुद्ध भी फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया गया। जनसामान्य, पत्रकार और कांग्रेस नेता सभी पुलिस के निशाने पर हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। कांग्रेस नेताओं ने इस बात की शिकायत कांग्रेस हाई कमान से करने की बात भी कही है।


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