सावधान रहें: ज्यादा फायदे का झांसा देकर लिंक शेयर किया, क्लिक करते ही 1.20 करोड़ की क्रिप्टो करंसी पार


साइबर क्राइम के बढ़ते दायरे के पीछे एक वजह लोगों का लापरवाह होकर खुद को ठगों की चिकनी चुपड़ी बातों के हवाले कर देना भी है। कुछ ऐसे ही मामले सामने आए हैं, जिनमें लाखों की ही नहीं, करोड़ की चपत लगाई गई। एक ऐसे ही केस में लखनऊ के एक पीड़ित को साइबर ठगों ने वेरीफाइड यूएसडीटी (Cryptocurrency) होने पर अधिक भुगतान का झांसा देकर निशाना बनाया। जालसाजों ने लिंक भेजकर पीड़ित के खाते से 1.20 करोड़ रुपये की क्रिप्टो करंसी पार कर दी। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 


लखनऊ। इस मामले में ऐशबाग स्थित मोतीझील कॉलोनी निवासी सत्यम मिश्र ठगे गए। सत्यम के अनुसार वे अपने ग्राहकों से USDT (क्रिप्टो करंसी) में भुगतान लेते हैं। उनके बाइनेंस ऐप में हजारों यूएसडीटी हैं। 10 मार्च की सुबह इंस्टाग्राम पर क्रिप्टो जाधव नाम की आईडी से एक मेसेज आया। इसमें यूएसडीटी की कीमत से अधिक रुपये देने का जिक्र था। इसके बाद दो वेबसाइट के लिंक भेजकर रजिस्ट्रेशन के लिए कहा गया। लिंक पर क्लिक करने के कुछ ही देर में खाते से सारी क्रिप्टो करंसी निकल गई, जिसकी कीमत भारतीय रुपये में 1.20 करोड़ है।


निवेश पर बेहतर रिटर्न का झांसा 1.6 करोड़ ठगे 

विनीत खंड-6 में रहने वाले व्यवसाई नीरज अग्रवाल को निवेश पर बेहतर रिटर्न का झांसा देकर 1,06,46,282 रुपये की चपत लगा दी गई। मुनाफा होने पर पीड़ित ने रुपये निकालने का प्रयास किया तो साइबर जालसाजों ने ट्रेडिंग अकाउंट ब्लॉक कर दिया। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाई है।


पार्ट टाइम जॉब से कमाई का झांसा देकर लाखों की चपत

सेक्टर-12 इंदिरानगर में रहने वाले अजय कुमार को घर बैठे पार्ट टाइम जॉब का लालच देकर साइबर जालसाजों ने लाखों की चपत लगा दी। पीड़ित के अनुसार कुछ दिन पहले मोबाइल पर एक मेसेज आया। इसमें दो घंटे ऑनलाइन काम करने पर अच्छी कमाई का जिक्र था। इसके बाद डीएलएफ बिल्डिंग इंडिया ग्रुप से जोड़ते हुए एक लिंक भेजा गया। लिंक के जरिए ही ऑनलाइन टास्क पूरा करना था। शुरू में टास्क पूरा करने पर भुगतान होता रहा। इसके बाद ज्यादा कमाई के लिए पेड टास्क की बात कही गई। भरोसा करते हुए 18 बार में 31,65,332 रुपये साइबर जालसाजों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद पीड़ित को ब्लॉक कर दिया गया। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया है।


कुछ महत्वपूर्ण बातों का रखें ध्यान

➡️ केवल उन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों का उपयोग करें जो प्रतिष्ठित और सुरक्षित हैं। एक्सचेंज की सुरक्षा सुविधाओं, जैसे कि दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) की जांच करें।

➡️ एक्सचेंज की समीक्षाएं पढ़ें और देखें कि क्या उपयोगकर्ताओं ने किसी धोखाधड़ी की सूचना दी है।

➡️ किसी भी संदिग्ध ईमेल, संदेश या वेबसाइट पर क्लिक न करें जो व्यक्तिगत जानकारी या यूएसडीटी भेजने के लिए या यूएसडीटी वेरीफाई करने के लिए कहता है।

➡️ हमेशा एक्सचेंज की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और सीधे अपने खाते में लॉग इन करें।

➡️ फ़िशिंग हमलों से बचने के लिए अपने ब्राउज़र में एंटी-फ़िशिंग सॉफ़्टवेयर स्थापित करें।

➡️ उन योजनाओं से सावधान रहें जो उच्च रिटर्न का वादा करती हैं।

➡️ पोंजी योजनाएं अक्सर नए निवेशकों से रुपये का उपयोग पुराने निवेशकों को भुगतान करने के लिए करती हैं, और अंततः ध्वस्त हो जाती हैं।

➡️ यूएसडीटी भेजने या प्राप्त करने से पहले हमेशा लेन-देन विवरण को सत्यापित करें। सुनिश्चित करें कि सही पता दर्ज कर रहे हैं। लेन-देन पूरा होने के बाद, ब्लॉकचेन पर इसकी पुष्टि करें।

➡️ किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए खाते की नियमित रूप से निगरानी करें। यदि कोई धोखाधड़ी गतिविधि दिखाई देती है, तो तुरंत एक्सचेंज और कानून प्रवर्तन को रिपोर्ट करें।

➡️ साइबर अपराध हेल्पलाइन (1930) पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

➡️ साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, साइबर क्राइम सेल या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।


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