एनसीसी प्रशिक्षण अकेडमी लखौली आयोजित हो रहा संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर, सेना की अहम गतिविधियों से रूबरू हो रहे छात्र-छात्राएं।
कोरबा(thevalleygraph.com)। एनसीसी प्रशिक्षण अकेडमी लखौली में आयोजित संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (सीएटीसी) में 1 सीजी एनसीसी बटालियन कोरबा का प्रतिनिधित्व करते हुए कुल 75 कैडेट्स शामिल हो रहे हैं। वे कैंप में सैन्य गतिविधियों से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों से रूबरू हो रहे हैं। इनमें कमला नेहरू महाविद्यालय कोरबा की एनसीसी इकाई से 13 सीनियर डिवीजन (छात्र), 12 सीनियर विंग (छात्रा) समेत 25 कैडेट्स भागीदारी दे रहे हैं।
27 छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी रायपुर के तत्वावधान में 8 से 17 सितम्बर तक एनसीसी प्रशिक्षण अकेडमी लखौली में दस दिनों का सीएटीसी-13 कैम्प का आयोजित किया जा रहा है। इस शिविर के लिए कोरबा जिले के विभिन्न स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थाओं में संचालित विभिन्न नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) की इकाइयों को भी भागीदारी के लिए बुलाया भेजा गया था। कमला नेहरू महाविद्यालय की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट अनिता यादव ने बताया कि एनसीसी गतिविधियों में शामिल महिला व पुरुष कैडेट्स कैंप में पहुंच चुके हैं और वहां प्रदान की जा रही कठिन ट्रेनिंग में हिस्सा लेकर खुद को और बेहतर बनाने के प्रयास में जुट गए हैं। उल्लेखनीय होगा कि वन छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी कोरबा से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार एनसीसी कैडेट्स व एनसीसी अधिकारी की वैकेन्सी आवंटित की गई थी। इसके अनुरूप प्रथम छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी कोरबा का प्रतिनिधित्व कर रहे कैडेट्स में शासकीय इंजीनियर विश्वेसरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोरबा से 12 सीनियर डिवीजन (एसडी), 13 सीनियर विंग (एसडब्ल्यू) समेत 25, कमला नेहरू कॉलेज से 13 सीनियर डिवीजन (एसडी), 12 सीनियर विंग (एसडब्ल्यू) समेत 25, जवाहर नवोदय विद्यालय, छुरी से 15 जूनियर डिवीजन (जेडी), 10 जूनियर विंग (जेडब्ल्यू) समेत 25 कैडेट्स भेजे गए हैं। इस तरह प्रथम छत्तीसगढ़ एनसीसी बटालियन कोरबा से कुल 75 कैडेट्स भाग ले रहे हैं। इस कैंप में कठिन परिस्थितियों के लिए एक फौजी की तरह तैयार रहने के साथ विभिन्न सैन्य गतिविधियों से रूबरू कराते हुए प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण का लाभ इन विद्यार्थियों को मिल सकेगा। सफलतापूर्वक शिविर पूरा करने वाले कैडेट्स को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। इस संबंध में कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत बोपापुरकर ने कहा कि इस तरह के कठिन प्रशिक्षण में शामिल होकर विद्यार्थियों की क्षमता और प्रतिभा में और भी निखार आएगा। वे देश के लिए एक फौजी की महत्वपूर्ण भूमिका को करीब से जानेंगे और उनके भीतर भी एक ऐसा जज्बा जागृत होगा, जो हमें कल के ऊर्जावान व जागरुक नागरिक के रूप में देश और समाज को विकास की ओर अग्रसर करता नजर आएगा।
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