धान खरीदी तेज पर मनमानी कर रहे DO वाले चुनिंदा ठेकेदार, बफर लिमिट पार और ठप है उठाव की रफ्तार


यहां पढ़िए उन मिलर्स के नाम, जिनकी मनमानी से समितियां परेशान, 24 उपार्जन केंद्रों में बंपर लिमिट से कई गुना अधिक धान जाम जाम पड़ा है, 72 घंटे में उठाव के नियम दरकिनार किए जाने से समितियां परेशान कि खराब मौसम की मार से अतिरिक्त धान कहीं नुकसान में न चला जाए।

भले ही वक्त कम रह गया हो, पर अब धान खरीदी पूरे शबाब पर है। बड़ी संख्या में किसान अपनी खेप लेकर केंद्र पहुंच रहे हैं। पर दूसरी ओर उठाव की रफ्तार लगभग न के बराबर होने से समितियां चिंतित हैं, क्योंकि उनके पास अतिरिक्त स्टॉक रखने की जगह नहीं है। लगभग 24 उपार्जन केंद्रों में बंपर लिमिट से कई गुना भी अधिक धान जाम पड़ा है। ऐसे में अगर किसानों के धान खराब होते हैं, तो उसका ठीकरा भी उन्हीं पर फोड़ा जाएगा। दूसरी ओर चुनिंदा ठेकेदारों को बिना वाजिब की परख किए क्षमता डीओ बांटकर विभाग ने जैसे कन्नी काट ली है। 72 घंटे में उठाव के नियम की नाफरमानी होने से कई केंद्रों में क्षमता से कई गुना ज्यादा धान जमा होता जा रहा है और DO जारी होने के बाद भी कई रसूखदार राइस मिलर्स ने 10-10 दिन बाद भी धान नहीं उठाने की जहमत नहीं उठाई है।

कोरबा(theValleygraph.com)। जिले में 41 सहकारी समितियां के 65 केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदी की जा रही है। जिले की बात करें तो प्रतिदिन एक लाख क्विंटल से अधिक मात्रा में धान बिक्री के लिए उपार्जन केंद्रों में पहुंच रहा है। पर दूसरी ओर इस पैमाने के अनुरूप उठाव नहीं होने से खरीदी केंद्रों में काफी मात्रा में धाम जाम होता जा रहा हैै। जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद समय पर उठाव नहीं होने से व्यवस्था बिगड़ने लगी है। अधिकांश केंद्रों में बंपर लिमिट से अधिक धान जाम है। इसका मुख्य कारण एक ही मिलर को उठाव के लिए डीओ जारी करना भी है। जिसके कारण ही परेशानी हो रही है। ट्रक चालकों की तीन दिन तक हड़ताल की वजह से भी उठाव की गति धीमी रही। इसकी वजह से किसानों को घंटों इंतजार भी करना पड़ रहा है। धान उठाव के लिए 103 मिलरों ने अनुबंध किया है। पर सबसे बड़ी समस्या उठाव के लिए 10 दिन का समय देना भी है। कई केन्द्रों के धान का उठाव का डीओ एक ही मिलर को जारी कर दिया गया है। इससे भी व्यवस्था बिगड़ रही है। अगर एक केन्द्र में तीन से चार मिलर को डीओ जारी करते तो उठाव तेजी से होता है। दूर के केन्द्रों में अधिक समस्या है। धान के उठाव के लिए मार्कफेड ही डीओ जारी करता है। लेकिन अभी तक नियंत्रण नहीं होने से परेशानी होने लगी है। दूसरी ओर खाद्य विभाग का कहना है कि धान उठाव की समस्या से मार्कफेड को अवगत करा दिया गया है। अब अनुपात के आधार पर एक केन्द्र में तीन से चार मिलरों को डीओ जारी करने कहा गया है। हड़ताल की वजह से भी धान का उठाव प्रभावित हुआ है। दो दिनों के भीतर व्यवस्था में सुधार कर लिया जाएगा।

मौसम बेईमान, किसान हैं परेशान, इन DO वालों का उठाव पड़ा है पेंडिंग
इधर मौसम का मिजाज बिगड़ने से किसान और समितियां चिंतित हैं। जितनी जगह थी उसमें धान रख दिया गया है। बम्पर लिमिट से अधिक मात्रा किसी तरह सहेजने की कोशिश की जा रही है। बारिश हुई तो काफी मात्रा के नुकसान कर डर सता रहा है। दूसरी ओर उठाव नहीं करने वाले परिवहनकर्ताओं में 26 व 28 दिसंबर को डीओ जारी होने के बाद भी मां सर्वमंगला एग्रो, 28 दिसंबर जारी डीओ के विपरीत बीडी एग्रो, 30 दिसंबर के डीओ के विपरीत मां मनोकामना राइस मिल, 1 व 2 जनवरी में दीपक मिलिंग इंडस्ट्रीज, 27 दिसंबर से श्री बालाजी फूड, 28 दिसंबर मेसर्स पार्वती राइस मिल के अलावा मिनाक्षी राइस मिल, मेसर्स श्री नारायण पार्वती राइस मिल, आरा राइस मिल प्रोडक्ट ने अपने हिस्से का उठाव नहीं किया है।

कई केंद्रों में 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम

अभी तक 14 लाख 46 हजार423.60 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है। उठाव भले ही 61.60 प्रतिशत बताया जा रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि 19 केंद्रों में 10 से 12 हजार क्विंटल से अधिक धान जाम है। जिसके कारण किसानों को भी धान रखने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है। कई केंद्रों में सुबह वाहनों की कतार लग जाती है। करतला ब्लॉक के नवापारा केंद्र में सबसे अधिक 15 हजार 987 क्विंटल धान जाम है। यहां गुरुवार को मिलर ने 10 वाहन लगाए थे। पर जिस हिसाब से खरीदी हो रही है उस हिसाब से उठाव नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर करतला ब्लॉक के ही केरवाद्वारी सोहागपुर, कोथारी, पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के सिरमीना के साथ 19 केंद्रों ने लिमिट से अधिक धान जाम होने से आगे खरीदी पर प्रभाव पड़ने की संभावना जताई है।

अब तक 26 हजार 652 किसानों ने बेचा धान, 14 दिन शेष

समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 50 हजार 926 किसानों ने पंजीयन कराया है। जिसमें से अभी तक 26 हजार 652 किसानों ने धान बेचा है। धान खरीदी अभी तक 14 लाख 46 हजार 423.60 क्विंटल की खरीदी हो चुकी है। इस साल 25 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन इससे अधिक खरीदी होने की संभावना है। हालांकि धान खरीदी की तिथि बढ़ने की संभावना भी है। धान खरीदी सप्ताह में 5 दिन ही होती है। इसके अलावा अवकाश के दिनों में भी खरीदी नहीं होती। इस वजह से 31 जनवरी तक मात्र 14 दिन और खरीदी होगी। अभी एप के माध्यम से भी टोकन जारी हो रहा है। केन्द्रों में मैनुअल टोकन भी काटा जा रहा है। इसकी वजह से एक ही दिन में अधिक किसान पहुंच रहे हैं। आॅनलाइन टोकन से पता ही नहीं चलता कि कितने किसानों ने लिया है।

ये रही लिस्ट


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