अयोध्याजी में प्राण प्रतिष्ठा का दिन मुकर्रर होते ही उछला बाजार, धार्मिक ग्रंथ, गेरुए वस्त्र व मूर्तियों से लेकर मौली धागे तक दस गुना बढ़ा कारोबार
वर्ष 2023 में श्रीराम लला के अयोध्याजी में भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की शुभ तिथि मुकर्रर हुई। उसके साथ ही मानों एक ऐसा उत्साह और श्रद्धा-भक्ति का सैलाब फूटा, जिसका प्रवाह कारोबार पर भी दिखाई दे रहा है। जैसे-जैसे 22 जनवरी की वह ऐतिहासिक घड़ी करीब आ रही है, भक्ति के प्रवाह के साथ पूजन सामग्री, गेरुए वस्त्र, ध्वज और खासकर मूर्तियों के कारोबार में भी उछाल बढ़ता जा रहा है। बीते वर्षों के मुकाबले धार्मिक वस्तुओं का बाजार नया कीर्तिमान रचने की ओर अग्रसर है। कारोबारियों का कहना है कि डिमांड इतनी ज्यादा है कि ऐसा कहना उचित होगा कि मन में प्रभू की सूरत लिए उनके भक्तों में घर-घर श्रीराम की मूरत विराजमान करने जैसे होड़ सी मच गई है।
कोरबा(thevalleygraph.com)। अयोध्या धाम में मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर बाजार में भी रौनक बढ़ती जा रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, माता सीता, भैया लक्ष्मण और रामभक्त हनुमानजी की मूर्ति की मांग चरम पर पहुंच गई है। इस तरह की सामग्री रख रही दुकानों में जहां पहले 8 से 10 हजार का बाजार होता था, वर्तमान में 25 हजार पार जाकर प्रतिदिन का कारोबार दर्ज किया जा रहा है। आलम यह है कि उनकी डिमांड इतनी ज्यादा है कि उसके अनुरूप आपूर्ति की रफ्तर पर असर पड़ने लगा है। लोग अपने घरों के लिए लगातार मूर्तियां लेकर जा रहे हैं। इतना ही नहीं, राम से संबंधित ग्रंथ, खासकर रामायण, विशेष कर गीता प्रेस की अधिकृत दुकान में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
नए और भव्य मंदिरों का भी निर्माण किया गया है और जिस दिन अयोध्या में उद्घाटन होने जा रहा है, विभिन्न स्थानों में उसी दिन प्राण-प्रतिष्ठा करने के लिए भी लोग बड़ी मूर्तियां लेकर आ रहे हैं। प्रतिदिन मांग आ रही है। कोरबा की बात करें तो बालको और रजगामार में भी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए बड़ी मूर्तियां ली गई हैं। परिणाम स्वरूप बाजार भी इन दिनों पूरी तरह से गुलजार नजर आ रहा है। अनेक स्थानों में ध्वज, गमछा और माथे पर लगाई जाने वाली पट्टी खरीद रहे हैं और डिमांड को देखते हुए पूजन सामग्री, कपड़े और श्रृंगार सामग्री की दुकानों में भी भगवा ध्वज, पट्टी और गमछा समेत श्रीराम उत्सव में घर-दुकान और मंदिरों की सजावट के अन्य सामानों को रखा जा रहा है। कारोबारियों का अनुमान है कि 22 जनवरी तक लाखों मीटर कपड़े और केवल इसी में कोरबा के कम से कम 25 करोड़ का कारोबार दर्ज होने का अनुमान है। दूसरी ओर मूर्तियों, धार्मिक ग्रंथ, पुस्तकों व पूजन सामग्री में भी करोड़ों का व्यवसाय दर्ज होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
पुरानी डिमांड पर जोर, बंद करने पड़े नए आर्डर: सुनील कोटवानी
दूसरी ओर कपड़े का बाजार भी भगवा रंग में रंगा नजर आ रहा है। भगवा रंग के वस्त्र, गमछा, धोती की डिमांड बढ़ गई है। श्रीराम होजिअरी कोरबा के संचालक सुनील कुमार कोटवानी ने बताया कि अयोध्याजी में जो परम उत्सव मनाया जा रहा है, उसकी रोशनी यहां कोरबा में देखी जा सकती है। इन दिनों कोरबा का बाजार और कारोबार भी राममय हो चला है। खासकर माथे में सजाने वाली पट्टी, गमछा, ध्वज का कपड़ा, कुर्ता, धोती समेत भगवा कपड़े की डिमांड पीक पर है। श्री कोटवानी ने बताया कि पुराने आॅर्डर की डिमांड को समय पर पूरा करने की चुनौती इतनी है कि अब नए आॅर्डर लेना बंद करना पड़ रहा है। इस तरह कपड़े के बाजार में बीते वर्षों के मुकाबजे 50 प्रतिशत उछाल का अनुमान है।
प्रतिदिन दो से ढाई हजार हनुमान चालीसा: रवि शर्मा
ओवरब्रिज पुराना कोरबा स्थित मुख्य मार्ग में संचालित शर्मा गीता भवन गीता प्रेस गोरखपुर से अधिकृत हैं। संचालक रवि शर्मा ने बताया कि वे जबलपुर और राजस्थान के जयपुर से मूर्तियां मंगवाते हैं। इसके अलावा अन्य पूजन सामग्री वाराणसी से मंगाते हैं। इन दिनों रामायण, हनुमान चालीसा और अयोध्या दर्शन जैसी किताबों की मांग सबसे ज्यादा है। खासकर हनुमान चालीसा जो बीते वर्षों तक प्रतिदिन अधिकतम 100 से डेढ़ सौ तक लिया जाता था, वर्तमान में प्रतिदिन दो से ढाई हजार पुस्तक लिए जा रहे हैं। अयोध्या दर्शन नामक किताब भी लोग बांटने के लिए लेकर जा रहे हैं। लोग अपने घरों में सजाने राम दरबार की संपूर्ण प्रतिमा लेकर जा रहे हैं। ध्वज, मौली, रोली, रामायण पढ़ने के लिए व्यास, लाल कपड़ा, पूजा-पाठ की सामग्री में कारोबार में दस गुना उछाल दर्ज किया जा रहा है।