एसडीएम कटघोरा ऋचा सिंह ने ने अनुभाग में संचालित औद्योगिक संस्थानों की बैठक लेकर बताई 14 बिंदुओं की गाइडलाइन
राखड़ परिवहन कर उसके समुचित निपटारे की जुगत तो जरूरी है, पर ठेका लेकर जहां-तहां डम्प कर देने वाले ठेकेदारों की अब खैर नहीं। जिस जगह अनुमति नहीं, अगर वहां पर राखड़ फेंका गया तो इसके लिए परिवहन करने वाले ठेकेदार से लेकर उस ट्रक ड्राइवर तक सबको जवाबदार माना जाएगा। अगर गाड़ी रास्ते में ब्रेकडाउन भी हो गई और ट्रांसपोर्टर ने निर्धारित स्थल पर पहुंचाने की बजाय सड़क किनारे या कहीं और राखड़ गिराया तो उस गाड़ी के चालक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इन वाहनों की अधिकतम गति यानि स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर प्रति घंटे ज्यादा न हो। सभी वाहनों में टोल फ्री नंबर चस्पा करने भी कहा गया है, ताकि समस्या होने पर कोई भी शिकायत दर्ज करा सके। इस तरह कुल 14 बिंदुओं पर औद्योगिक प्रतिनिधियों को गाइडलाइन से अवगत कराते हुए उनका अक्षरश: पालन करने कहा गया है। अन्यथा की स्थिति में उन्हें जिम्मेदार मानते हुए कड़ी कार्यवाही किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
कोरबा(thevalleygraph.com)। शुक्रवार को दोपहर एक बजे अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटघोरा ऋचा सिंह ने कटघोरा अनुभाग के अंतर्गत स्थापित पॉवर संयंत्रों के प्रतिनिधियों की बैठक ली। यह बैठक संयंत्रों से उत्सर्जित फ्लाई ऐश यानि राखड़ परिवहन के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा निर्धारित गाईडलाइन पर केंद्रित रही। एसडीएम ने औद्योगिक प्रतिनिधियों या बैठक में शामिल हुए अधिकारियों को एनजीटी की गाइडलाइन के अनुसार राखड़ परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। पॉवर संयंत्र से उत्सर्जित राखड़ के प्रबंधन के संबंध में एसडीएम कटघोरा के सभाकक्ष में ली गई बैठक में राखड़ परिवहन के लिए अनुबंधित ट्रांसपोर्टर या उनके प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी ने एनजीटी की गाइडलाइन स्पष्ट करते हुए कुल 14 बिंदुओं को स्पष्ट किया और उसके अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। नौ बिंदुओं की गाइडलाइन का पालन किए जाने से क्षेत्र में राखड़ के अव्यवस्थित निपटान या अनुचित परिवहन पर अंकुश लगने की उम्मीद की जा रही है, जिससे परेशान हो रहे आम लोगों के लिए भी राहत का प्रबंध हो सकेगा।
एनटीपीसी, सीएसईबी पश्चिम व एसीबी के प्रतिनिधि तलब
इस बैठक के लिए मुख्य रूप से एनटीपीसी जमनीपाली के महाप्रबंधक, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत बोर्ड कोरबा पश्चिम के महाप्रबंधक व आर्यन कोल बेनिफिकेशन (इंडिया) लिमिटेड चाकाबुड़ा को पत्र भेजा गया था। बैठक में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के अलावा इन संस्थानों व कंपनियों के अनुबंधित राखड़ परिवहनकर्ता और औद्योगिक प्रतिनिधि बैठक में शिरकत करते हुए दिशा-निर्देश से अवगत हुए। उन्हें बताया गया कि राखड़ की फीलिंग अनुमति प्राप्त स्थल पर ही किया जाएं और तिरपाल से ढक कर ही राखड़ परिवहन किया जाए। राखड़ परिवहन में अनुबंधित सभी संस्थाएं अपने निचले स्टॉफ को नियमों का पालन करने के लिए निर्देशित करेंगे।प्रतिमाह पेश करें वाले वाहन की सूची व रूट का ब्यौरा
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया है कि राखड़ (फ्लाई ऐश) परिवहन में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। राखड़ का परिवहन अनुबंधित वाहन से ही जीपीएस सिस्टम के साथ किया जाना सुनिश्चित करना होगा। राखड़ परिवहन में लगे हुए वाहनों की सूची व परिवहन के रूट सहित आगामी एक सप्ताह के लिए संबंधित द्वारा उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही उन्हें यह जानकारी नियमित तौर पर प्रतिमाह प्रस्तुत करने कहा गया है। नियमों की अवहेलना करने पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में प्रतिनिधियों व राखड़ परिवहन ठेकेदारों को विस्तृत जानकारी दी गई।
जहां ज्यादा परिवहन, उनकी मरम्मत कराएं, अनुमति वाली जगह पर बोर्ड भी लगाएं
प्लाई ऐश उत्पादन करने वाली संस्था जिन्होंने निजी या शासकीय जमीनों पर फ्लाई ऐश फिलिंग की अनुमति प्राप्त की है, ऐसे स्थानों पर आदेश का विवरण अंकित करते हुए बोर्ड लगाएंगे। जिन सड़कों पर फ्लाई ऐश का परिवहन ज्यादा किया जा रहा है, उसकी मरम्मत कराएंगे तथा स्पीड ब्रेकर निर्माण कराएंगे। स्पीड ब्रेकर का निर्माण लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की देखरेख में किया जाएगा। राखड़ परिवहन में लगे वाहन निर्धारित गति सीमा से अधिक गति पर नियंत्रण के लिए क्षेत्रीय पविहन अधिकारी स्पीडोमीटर से जांच कर ड्राइविंग लाईसेंस निलंबन के लिए आवश्यक कार्यवाही करेंगे। निर्धारित मोटर यान अधिनियम के तहत किए जाने के प्रावधान के संबंध में भी कंपनी के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया।
ओवरलोड न हो, परिवहन से पहले पानी छिड़काव करें
एसडीएम ऋचा सिंह ने स्पष्ट किया कि किसी भी सूरत में वाहनों में उसकी क्षमता से अधिक राखड़ लोड न करें। कई बार वाहन के डाले के ऊपर तक राखड़ लोड कर दिया जाता है, जिससे सड़क पर ऐश गिरता रहता है। ऐसा नहीं करने कहा गया है। इसके साथ ही परिवहन से पहले वाहन में लोड राखड़ पर पानी का हल्का छिड़काव करने व उसके बाद तिरपाल लगाने कहा गया है, ताकि वह परिवहन के वक्त उड़े न। इस बात पर भी ध्यानाकर्षित किया गया कि जांच के दौरान ज्यादातर चालकों के पास परिमिट या लाइसेंस जैसे दस्तावेत नहीं होते। उन्हें परिवहन के समय अनिवार्य रूप से जरूरी दस्तावेज लेकर चलने कहा गया है।