कोरबा कलेक्टर ने ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मासिक समीक्षा बैठक, शत-प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराया जाए, गृह प्रसव शून्य होना चाहिए।
कोरबा(theValleygraph.com)। कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्याे की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव पर जोर देते हुए कलेक्टर ने कहा कि गृह प्रसव शून्य होना चाहिए। कर्तव्य के निर्वहन में किसी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। मरीजों से अच्छा व्यवहार करें और शासन के उद्देश्यों को पूरा कर जनता को उनका लाभ दिलाने पूरा प्रयास करें।
कलेक्टर ने अधिकारी-कर्मचारियों को समय पर अपने कार्य पर उपस्थित रहकर अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करने कहा। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी विकासखंड में गृह प्रसव नहीं होना चाहिए। सभी अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। साथ ही हाईरिस्क गर्भवती माताओं का विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए। सभी सीएचसी तथा पीएचसी में मरीजों को मानक अनुसार भोजन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। साथ ही समस्त सीएचसी में नाईट सी सेक्सन बढ़ाने व अनावश्यक रेफर नहीं करने की बात कही। मातृ मृत्यु की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर शिशु व माता की जान बचाई जा सकती है। इस हेतु सभी स्वास्थ्य अधिकारी शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विशेष प्रयास करें। टीकाकरण की समीक्षा के दौरान उन्होने प्रसव के विरूद्व शतप्रतिशत पूर्ण टीकाकरण करने की बात कही। क्षय नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उन्होने टीबी मुक्त पंचायत के सभी मापदंड, निक्षय पोषण में दी जाने वाली राशि, निक्षय मित्र तथा टीबी.मरीज के फॉलोअप के बारे में जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसएन केशरी ने जिले के स्वास्थ्य विभाग की संरचना, स्वास्थ्य संस्थाओं (शहरी व ग्रामीण), मानव संसाधन, भवन व समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य तथा उपलब्धि के बारे में जानकारी दी गई।
एचआर एसेसमेंट और भवन-एक्यूपमेंट एसेसमेंट के लिए बनेगी दो समिति
समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने जिला स्तर पर दो समिति गठित करने की बात कही। जिसके अंतर्गत पहली समिति एचआर एसेसमेंट व दूसरी समिति भवन व एक्यूपमेंट एसेसमेंट के लिए जवाबदेही रहेगी। आवश्यकता से अधिक विशेषज्ञों की उपलब्धता वाले स्वास्थ्य केन्द्रों से उन्हें आवश्यकता वाले सीएचसी में नियुक्त करने की बात कही। उन्होंने जिले में एनेस्थेटिक्स उपलब्धता की जानकारी लेते हुए कहा कि सभी सी.एच.सी. में एनेस्थिसिया के डॉक्टर की नियुक्ति होना चाहिए।
डीएमएफ की मदद से संसाधनों की कमी दूर करें
एनेस्थेटिक्स की कमी से सीजेरियन आपरेशन रूकना नहीं चाहिए। इसके लिए डीएमएफ मद से चिकित्सक की नियुक्ति व पैरामेडिकल स्टॉफ की आवश्यकता का भी आंकलन कर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा। उन्होंने जर्जर भवन तथा भवन विहिन स्वास्थ्य संस्थाओं के संबंध में जानकारी लेकर डीएमएफ से जर्जर भवन की मरम्मत तथा नवीन भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय पोषण पुनर्वास केन्द्र की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी एनआरसी में बेड आक्युपेसी अधिकतम होना चाहिए। सभी एनआरसी में फीडिंग डिमास्ट्रेटर की पदस्थापना करने व रिक्त पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजने के लिए कहा। उन्होंने सभी बीएमओ को नियमित रूप से एनआरसी की विजिट करने के निर्देश दिए।
कुष्ठ के जी-2 डी के केस, पूरे गांव का सर्वे कराएं
कुष्ठ कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कुष्ठ कार्यक्रम के सफल संचालन के प्रभावी कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कुष्ठ के जी-2 डी के केस के अंतर्गत पूरे गांव का सर्वे कराने तथा पूरे मोहल्ले को प्रोफाईलेक्सिस डोज देने के निर्देश दिए। इस हेतु संबंधित जनपदो से सहयोग लेने की बात कही। कुष्ठ व टीबी पर ग्राम सभा के एजेंडा में शामिल कर जानकारी देने कर्मचारी की ड्यूटी लगाने कहा। डेंटल हेल्थ की समीक्षा के दौरान उन्होने कहा कि समस्त सी.एच.सी. में डेंटल सर्जन की नियुक्ति के लिए फाईल प्रस्तुत करें। कायाकल्प के संबंध में उन्होने कहा कि पुरस्कृत सीएचसी, पीएचसी, एसएचसी अपना स्टैडर्ड बनाए रखें। पीसीपीएनडीटी की जानकारी लेते हुए उन्होने निर्देशित किया कि किसी भी निजी नर्सिग होम-सोनोग्राफी सेंटर से लिंग परीक्षण की शिकायत नहीं आनी चाहिए। शिकायत प्राप्त होने पर तुरंत जांच कर तत्काल कार्यवाही करने कहा।