कुछ दिन बादलों में छुपा रहा “गर्मी” की “वर्षा” से बेहाल सूरज, बीती रात मौसम ने भी ओढ़ ली थी चादर, महसूस हुई न्यूनतम 14.5 डिग्री सेल्सियस की “ठंड”


पिछले कुछ दिनों ने मौसम के बिगड़ैल मिजाज ने सभी को हैरान कर रखा था। आलम यह था कि गर्मी के दिनों में बारिश से बेहाल सूरज भी बादलों में छुपा रहा। दिन के वक्त भी ठंडी हवाएं चलती रहीं और बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात को जैसे मौसम ने भी चादर ओढ़ रखी थी, जो कोरबा जिले में न्यूनतम 14.5 डिग्री सेल्सियस की ठंड महसूस की गई। हालांकि गुरुवार को सुबह से ही सूरज के तेवर गर्म रहे और दोपहर तक चिलचिलाती धूप खिली रही। इसके बाद भी नमी की मौजूदगी से मौसम नम और हवाओं में ठंडक का एहसास होता रहा। मौसम विभाग के अनुसार अब भी जिले में कहीं-कहीं हल्की बौछारें पड़ने के आसार बन सकते हैं।

कोरबा(thevalleygraph.com)। मौसम की परिस्थितियों को लेकर पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा का आसमान तो साफ व सूखा रहेगा पर रायगढ़ और उधर बेमेतरा में आज भी मौसम का मिजाज बदला हुआ ही रहेगा, जहां अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की पूरी गंुजाइश बन रही है। मौसम के हाल से लेकर 20 मार्च की सुबह 8.30 तक की संभावित स्थिति के मद्देनजर प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया था। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर की चेतावनी के अनुसार ही मेघगर्जन के साथ ओलावृष्टि और वर्षा दर्ज भी की गई। कोरबा में भी बुधवार की शाम करीब पांच बजे अचानक परिवर्तन हुआ और आसमान में काले मेघ व शहर से लेकर उपनगरों तक तेज हवाएं चलने लगी और देखते ही देखते बारिश की बड़ी बड़ी बूंदों ने सबकुछ फिर से भिगो दिया। कोरबा के अलावा प्रदेश के सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, बलरामपुर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, मुंगेली, रायगढ़, कबीरधाम एवं जांजगीर-चांपा जिलों के एक-दो स्थानों पर मेघगर्जन के साथ वर्षा, अंधड़ चलने व ओलावृष्टि होने की संभावना जताई गई थी।

मौसक विभाग के अलर्ट के साथ इन सावधानियों का ध्यान रखें

* गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रयों की तलाश करें।
* अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं हैं तो तुरंत उखडू बैठ जाए।
* घाँस-फूस की झोपड़ियों और एसबेस्टस की
* छत वाले घरों को नुकसान। घर के छप्पर उड़ सकते हैं।
* अधूरे बंधे धातु की चादरें उड़ सकती हैं।
* पेड़ों के नीचे आश्रय न लें।
* बिजली, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग न करें।
* बिजली की लाइन से दूर रहें।
* कृषि मंडियों में खुले में रखे हुए उत्पादों को भीगने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भंडार करें।
* ओलावृष्टि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बागवानी एवं सब्जी की फसलों में उपलब्धता के आधार पर एंटि हेल नेट का उपयोग करें।
* भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कमी की स्थिति बन सकती है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *