सुदूर वन्य क्षेत्र के ग्रामीणों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने ख्यातिलब्ध प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) लेमरु की टीम ने एक नई सफलता हासिल की है। यहां चौबीस घंटे में मैरॉथन छह प्रसव कराए गए और इस तरह एक ही दिन में अस्पताल की कुशल चिकित्सा टीम ने छह परिवारों के आंगन वात्सल्य की किलकारियों से भर दिए। खास बात यह रही कि अस्पताल में प्रसव के लिए आई प्रसूताओं का सिजेरियन नहीं, बल्कि सामान्य प्रसव सफलतापूर्वक कराकर उनकी गोद में ममत्व का उपहार भेंट किया गया। चौबीस घंटे में 6 सुरक्षित प्रसव की उपलब्धि अपने आप में किसी नए कीर्तिमान से कम नहीं, जो पीएचसी लेमरु ने रच दिया है। यहां जन्म लेने वाले सभी नवजात ढाई किलोग्राम से अधिक के हैं और सभी जच्चा-बच्चा प्रसव के बाद पूरी तरह स्वस्थ हैं।
कोरबा(thevalleygraph.com)। जिले के सुदूर वनांचल आदिवासी जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पीएचसी) लेमरू जो जिला एवं ब्लाक मुखयालय से 70 किलोमीटर की दूरी में संचालित है। यह पीएचसी अपने विशिष्ट उपलब्धियों के लिए हमेशा राज्य और जिला स्तर पर चर्चा में बना ही रहता है। कभी यह केन्द्र राज्य स्तर पर कायाकल्प के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के हाथों पुरस्कृत होने के लिये तो कभी यहां पदस्थ डॉ एलआर गौतम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आइकान हेल्थ अवार्ड से सम्मानित होने के लिए। वर्ष 2021 में एनक्यूएएस सर्टिफिकेट से सम्मानित होने के लिए तो कभी खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक सिंह राज द्वारा आदर्श स्वस्थ्य केन्द्र के रूप में तो कभी उच्च अधिकारियों के विजिट के लिए तो कभी रविवार अवकाश तथा त्योहार में निरंतर सेवाएं प्रदान करने के लिए भी लगातार चर्चित रहा। इस बार इस अस्पताल की प्रसिद्धि यहां गूंजने वाली वात्सल्य की किलकारियों की है। पीएचसी लेमरू में 27 मार्च को भोर से लेकर 28 मार्च की अलसुबह 5.30 बजे के बीच प्रसव से संबंधित कुल सात मामले एडमिट किए गए। इनमें से एक केस को छोड़कर शेष सभी में सुरक्षित प्रसव कराया गया। एक केस को जटिल प्रसव मानकर जिला अस्पताल कोरबा महतारी वाहन से भेजा गया। शेष सभी की डिलीवरी पीएचसी लेमरु केन्द्र में ही कराई गई। सुखद सफलता यह है कि सभी 6 प्रसव सुरक्षित कराया गया और सभी नवजात पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं। जन्म लेने वाले सभी नन्हें मेहमान दो किलो से ज्यादा वजन के हैं और सभी प्रसूती महिलाएं भी पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। किसी को डिलीवरी के बाद होने वाली कोई समस्याएं नहीं है। इस प्रकार से इस पीएचसी ने एक दिन में अधिकतम 6 डिलीवरी का एक नया कीर्तिमान रच दिया है। सभी शासन के महतारी वाहन 102 से ही आए और इस प्रकार इस स्वास्थ्य केन्द्र ने इन सभी परिवारों को मुस्कुराने का मौका दिया।
90 फीसद सिजेरियन के दौर में 6 बच्चों की सामान्य प्रसव
आज के दौर में गर्भवती हो या उसके परिजन, यही प्रार्थना करते रहते हैं कि प्रसव का वक्त आए, तो ऑपरेशन से न गुजरना पड़े। नॉर्मल डिलिवरी हो और सिजेरियन की नौबत न आए। फिर भी आज के समय में जहां ज्यादातर केस में डिलीवरी सिजेरियन से ही होती है और जिसका प्रतिशत 90 से अधिक है, ऐसे में 6 डिलीवरी सामान्य प्रसव से कराना बड़ी उपलब्धि है।पीएचसी लेमरु में बीते चौबीस घंटे में हुई 6 डिलीवरी में चार महिला व दो पुरूष नवजात हैं। इस बीच हुई 6 डिलीवरी में बंजारीडांड़, कांटाद्वारी, छातीबहार, विमलता, देवपहरी और अरसेना से हितग्राही शामिल रहे।अधिकांश केस में सोनोग्राफी के बगैर सिर्फ तजुर्बे से प्रसव
पीएचसी लेमरु में आने वाली अधिकांश महिलाओं का सोनोग्राफी भी नहीं हुआ होता है। ऐसे में यहां पदस्थ स्टाफ जोखिम लेकर अपने तजुर्बे के भरोसे डिलीवरी कराते हैं। इस एतिहासिक सफलता में पीएचसी की आरएमए श्रीमती गौतम, नर्सिंग स्टाफ मंजूरानी पैकरा, रूपा पटेल और शीला कोरी का महत्वपूर्ण योगदान शामिल है, जिन्होंने लगभग 24 घंटे की मैराथन सेवा प्रदान कर यह गौरवान्वित करने वाली सफलता अर्जित करने में अहम भूमिका निभाई।
खास बातें
*आयुष्मान आरोग्य मंदिर (पीएचसी) लेमरू का खिताब
*जिला एवं ब्लाक मुखयालय से 70 किलोमीटर की दूरी में संचालित है।
*पीएचसी अपने विशिष्ट उपलब्धियों के लिए हमेशा राज्य और जिला स्तर पर ख्याति पाई।
*केन्द्र व राज्य स्तर पर कायाकल्प के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह से पुरस्कृत हुआ अस्पताल।
*यहां पदस्थ डॉ एलआर गौतम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आइकान हेल्थ अवार्ड से सम्मानित।
*वर्ष 2021 में एनक्यूएएस सर्टिफिकेट से सम्मानित।
*खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक सिंह राज द्वारा आदर्श स्वस्थ्य केन्द्र के रूप में पुरस्कृत।
*रविवार व त्योहारों की छुट्टियों में भी चिकित्सा सेवाएं निरंतर जारी रखने की ख्याति।