बेटे ने पहना कुर्ता और बहुओं के सिर पर मर्यादा का आंचल, परिवार के साथ संस्कार लेकर पोलिंग बूथ पहुंचे कैबिनेट मंत्री लखन, लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार में सादगी और संस्कृति की झलक


उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन की सादगी और सरलता से तो हम सभी वाकिफ हैं। पर उनके परिवार का हर सदस्य ने भी जीवन में उन्हीं की तरह शुद्ध स्वदेशी अंदाज शामिल कर रखा है, यह भी सबने देख लिया। मौका था जनता के फैसले और मतदान के दिन का। देश के अच्छे कल के लिए मतदान करने मंत्री लखन और उनका परिवार शुद्ध स्वदेशी लिबास पहुंचा, तो सब देखते रह गए। उनकी सादगी में भारतीय संस्कृति की विरासत और संस्कारों का समावेश बड़ा ही आकर्षित लग रहा था, जो दूसरों को भी जीवन में स्वदेशी अपनाने का बड़ा प्रभावी संदेश प्रस्तुत कर रहा था।

कोरबा(theValleygraph.com)। भारत देश में जब कोई पर्व या त्योहार मनाया जाता है तो पूरा परिवार न केवल एक साथ होता है, बल्कि उनकी वेशभूषा में भारतीय संस्कृति की झलक भी समाई होती है। लोकसभा चुनाव भी लोकतंत्र का महापर्व है, जिसे कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने पूरे परिवार के साथ न केवल मनाया, बल्कि मतदान का धर्म निभाने के साथ भारत की स्वदेशी विरासत अपनाने का संदेश भी दिया। यह उदाहरण तब देखने को मिला, जब श्रम मंत्री लखन अपने परिवार समेत मतदान के लिए पोलिंग बूथ पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उनकी धर्मपत्नी, पुत्र, छोटे भाई नरेंद्र और बहुएं भी थीं। नजारा खूबसूरत होने के साथ बड़ा रोचक और उत्साहित करने वाला भी था। देवांगन परिवार की वेशभूषा ही कुछ ऐसी थी, कि वहां मौजूद हर मतदाता उनकी ओर आकृष्ट होकर कुछ पल अपलक देखने को विवश हो गया। पूरी तरह से स्वदेशी लिबास और मूक भारतीय संस्कृति को सहेजी उनकी इस सादगी से भरी एंट्री ने सभी को प्रभावित तो किया ही, एक बारगी लोग यह सोचने पर भी जरूर मजबूर हुए होंगे कि काश अंग्रेजी पतलून और कमीज की बजट वे भी स्वदेशी धारण कर मतदान का कर्तव्य निभाने आए होते तो कितना अच्छा होता।

सीधे पल्लू की साड़ी और शुद्ध स्वदेशी पहनावे की झलक ऐसी की देखते रह गए लोग

अब हम आपको बताते हैं कि श्रम एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन और उनके परिवार में किसकी कैसी वेशभूषा रही। स्वयं श्री देवांगन सफेद रंग की खादी की पोशाक में अपने प्रिय और शुद्ध स्वदेशी पहनावे में नजर आए। उनकी धर्मपत्नी ने हल्के हरे रंग की साड़ी पर सीधा पल्लू ले रखा था, जिसका एक सिरा सिर पर आधा घूंघट बनाते हुए हाथ में था। यहां बताना लाजमी होगा कि सीधे पल्ले की साड़ी ठेठ देशी-स्वदेशी या छत्तीसगढ़ का खास अंदाज है, जो छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक वैभव की पहचान माना जाता है। बाजुओं ने भी उल्टा पल्ला लेकर साड़ी पहन रखी थी और अपनी परंपरा के अनुरूप उन्होंने भी सिर पर मर्यादा का आंचल ले रखा था, जो खास अपनी सास और ससुर समेत अपने से बड़ों के लिए एक सम्मान का भाव प्रदर्शित करता है। इसी तरफ श्री देवांगन के पुत्र और भाई नरेन्द्र ने भी स्वदेशी झलक प्रस्तुत करते कुर्ता पाजामा पहन रखा था। इस तरह उद्योग मंत्री श्री देवांगन और उनका परिवार, कर्तव्य और संस्कृति का संगम लिए मतदान केंद्र में बड़ी ही सरलता और सहजता के साथ स्वदेशी सादगी लिए सुशोभित दिखाई दे रहा था। पोलिंग बूथ पर नजर आई उनकी इस सुसंस्कृत झलक की चर्चा सारे शहर में हो रही है।

वोटिंग मशीन तक पहुंचाने मदद में जुट गए भाई और पुत्र

मंत्री लखन लाल देवांगन अपने पूरे परिवार के साथ पोलिंग बूथ पर एक साथ पहुंचे थे। भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य के लिए संयुक्त परिवार के साथ ही लिए जाने की परंपरा के अनुरूप सास से लेकर बहुएं तक सिर पर आंचल लेकर मताधिकार का प्रयोग कर रहीं थी। वहीं दूसरी ओर मंत्री के छोटे भाई और बेटे दिव्यांग मतदाताओं का सहयोग भी करते नजर आए। दिव्यांग, बुजुर्ग और बीमार मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों में व्हील चेयर की भी सुविधा रखी गई थी। पर कहीं कहीं रैंप नहीं होने से उन्हें वोटिंग मशीन तक पहुंचने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में जब वे मतदान करने पहुंचे, तो व्हील चेयर पर बैठे दिव्यांग मतदाताओं की मदद में जुट गए। मंत्री श्री देवांगन के भाई और पुत्र ने भीतर पहुंचाने और फिर बाहर आने में सहायता की। उनकी संवेदनशीलता देश वहां मौजूद मतदाता प्रभावित हर बिना न रह सके।


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