ढाका की सड़कों पर जीत का जश्न शुरू हो गया। पूरी दुनिया बांग्लादेश के इस ‘नए मुक्ति संग्राम’ की ओर देख रही है। अब पूरे बांग्लादेश में “सब राजा” हैं। पर हिंसा और झड़पों में करीब 135 लोगों की मौत हो चुकी है। भले ही बदले हालात को कई लोग Indipendenc Day के तौर पर देख रहे हैं। वे इसे आतंक से मुक्त स्वतंत्रता कह रहे हैं, पर बदले की हिंसा अब भी जारी है। लंबे समय से सत्ता में रहने वाली अवामी लीग जनवरी में लगभग एकतरफा लड़ाई जीतकर फिर से सत्ता में आईं। 8 महीने पूरे होने से पहले ही लगभग पूरा देश इसके खिलाफ हो गया। जिस बंगबंधु की बेटी को बांग्लादेश में विकास का प्रतीक माना जाता था, वो सभी की आंखों का कांटा बन गईं। इस बात को बांग्लादेश को दूर से देखने वाले लोग आसानी से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद हिंसा का दौर जारी है। इस हिंसा में मरने वालों की तादाद अब 135 तक पहुंच गई है। वहीं बांग्लादेश के शेरपुर जिले में भीड़ ने जेल पर हमला कर दिया और 500 से ज्यादा कैदियों को मुक्त करा लिया। राजधानी ढाका और अन्य शहरों में प्रदर्शनकारी घूम रहे हैं। वहीं सेना ने देश में सत्ता संभाल ली है और जनता से हिंसा बंद करने के लिए कहा है।
रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने एक प्रेस रिलीज में कहा था। 15 दिसंबर, 2023 को जारी बयान में उन्होंने कहा था कि अगर अगले चुनाव में शेख हसीना फिर से सत्ता में आती हैं, तो अमेरिका उसे हटाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देगा।’ अमेरिका काफी समय से ही हसीना सरकार के लोकतंत्र पर सवाल उठा रहा था।
बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी BNP के कई नेताओं को हसीना सरकार ने जेल में डाल दिया था। उनके परिवार के लोग भी नहीं बचे थे। बाकी शासकों की तरह शेख हसीना भी विपक्षी दलों की आवाज को दबाने में बहुत आगे बढ़ गई थीं। बांग्लादेश में भारत के राजदूत प्रणय वर्मा ने पिछले माह 31 जुलाई को Prime Minister शेख हसीना से भेंट की थी। सूत्रों के अनुसार उस वक्त हसीना ने उन्हें अपनी जान के खतरे के बारे में बताया। इस चर्चा में PM शेख हसीना ने दावा किया कि विरोधी ताकतें कैसे Prime Minister house पर हमला कर उन्हें मारने की planing कर रही हैं। इसके बाद वर्मा ने ये जानकारी नई दिल्ली के साथ साझा की।