दादा-दादी की बातें, उनके अनुभव हमारी संस्कृति के मजबूत स्तंभ हैं, जिनकी स्नेहभरी छांव में बच्चों में अच्छे संस्कारों का अंकुरण होता है : VK गर्ग


दादा-दादी की बातें, उनके अनुभव हमारी संस्कृति के मजबूत स्तंभ होते हैं, जिनकी स्नेहभरी छांव में बच्चों के भीतर अच्छे संस्कारों का अंकुरण होता है। इस खास दिवस पर यही आग्रह है कि वे अपने संस्कारों और विचारों को बच्चों तक अवश्य पहुंचाएं।


कोरबा(theValleygraph.com)। यह बातें मंगलवार को केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा में आयोजित दादा दादी दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि रहे NTPC के रसायन विभाग के AGM वीके गर्ग ने बतौर मुख्य अतिथि कहीं। केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 एनटीपीसी कोरबा में दादा-दादी दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर का उद्देश्य बच्चों और उनके दादा-दादी के बीच प्यार और सम्मान के बंधन को और अधिक मजबूत करना था। कार्यक्रम में उन्हें सम्मानित करते हुए बच्चों के समक्ष जीवन में उनकी अमूल्य भूमिका को रेखांकित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि वीके गर्ग (एजीएम, रसायन विभाग, NTPC) द्वारा दीप प्रज्वलन और स्वागत गीत के साथ हुआ। विद्यार्थियों ने अपने दादा-दादी के साथ मंच साझा किया और उनके साथ बिताए गए यादगार पलों को कविता, नृत्य और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। बच्चों ने अपने दादा-दादी के प्रति अपने प्यार और कृतज्ञता को व्यक्त करते हुए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।साथ ही मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में अपने अनुभव, मार्गदर्शन से अनुगृहित किया तथा आए हुए दादा दादीजी को संदेश भी दिया कि, वे अपने संस्कारों और विचारों को बच्चों तक अवश्य पहुंचाएं।


दादा-दादी ने भी बच्चों को अपने अनुभवों और जीवन की शिक्षाओं से अवगत कराया। उन्होंने बच्चों को संस्कार, अनुशासन और नैतिक मूल्यों का महत्व समझाया।


पुरस्कृत हुए स्पर्धा के विजेता रहे दादा-दादी

कार्यक्रम के अंत में दादा-दादी ने विभिन्न खेलों और गतिविधियों में भाग लिया, जिससे माहौल और भी आनंदमय हो गया। प्राचार्य एसके साहू तथा मुख्याध्यापिका श्रीमती संगीता रानी दास ने सबसे वरिष्ठ तथा खेल में विजेता हुए दादा दादी जी को सम्मानित करते हुए भेंट स्वरूप पुरस्कार प्रदान किए।

यह दिन सभी के लिए यादगार रहा तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी प्राथमिक शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस प्रकार, दादा-दादी दिवस ने पारिवारिक मूल्यों और संबंधों को सुदृढ़ करने का एक सार्थक प्रयास किया।



 


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