Video: प्राथमिक शाला भाठापारा में अनोखी पहल, बच्चों में नियमित स्कूल आने की अच्छी आदत को प्रेरित करने शाला प्रवेशोत्सव में प्रभारी प्रधान पाठक श्रीमती फिरोजा खान का रोचक इन्तजाम, विशेष फरमाइश पर फेवरेट कार्टून कैरेक्टर डोरेमोन ने किया बच्चों का स्वागत…,
कोरबा(thevalleygraph.com)। अगर आप पसंद से वाकिफ हैं, तो रूठे बच्चों को मनाना या उनसे अपनी बात मनवाना आसान हो जाता है। यही जुगत स्कूल में अपनाएं, तो खेल-खेल में शिक्षा का उम्दा इंतजाम भी सुनिश्चित किया जा सकता है। अगर बच्चों को उनके मन का जतन मिल जाए, तो नियमित स्कूल आने की अच्छी आदत भी विकसित की जा सकती है। कुछ ऐसी ही रोचक जुगत एक सरकारी स्कूल की प्रभारी प्रधान पाठक ने की। बच्चों ने अपनी टीचर दीदी से अचानक डोरेमॉन की फरमाइश कर दी। पहले तो उन्होंने कुछ न कहा, पर प्रवेश उत्सव के दिन अचानक उनके बीच डोरेमॉन पहुंचा तो बच्चे झूमने लगे। उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने उसे छूकर देखा, दुलारा-पुचकारा और उसके साथ जमकर डांस भी किया।
यह अनूठी और अनुकरणीय पहल शासकीय प्राइमरी स्कूल भाठापारा में देखने को मिला। शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर स्कूल की प्रभारी प्रधान पाठक श्रीमती फिरोजा खान ने अपने नन्हें-मुन्ने विद्यार्थियों की ख्वाहिश पूरी की। जब बच्चों ने डोरेमॉन से मिलने की इच्छा जाहिर की, तो उन्होंने भी इसका समुचित इंतजाम कर दिया। अचानक जब कार्यक्रम के बीच नन्हें बच्चों के बीच उनका प्यारा डोरेमॉन पहुंचा तो बच्चे खुशी से नाचने लगे। उनके पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर ने भी खूब मन बहलाया। उनके साथ बातें की, उनके साथ डांस किया और खूब मस्ती की। बच्चों को लेकर कार्यक्रम में आए माता-पिता ने भी स्कूल प्रबंधन की इस पहल की सराहना की। बच्चों को नियमित स्कूल आने की अच्छी आदत विकसित करने की इस विशेष पहल के साथ आयोजित शाला प्रवेशोत्सव के इस भव्य कार्यक्रम में प्रमुख रूप स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल अयोध्यापुरी की प्राचार्य श्रीमती जेस्मिन रश्मि बाला आनंद, संकुल प्रभारी, एसएमसी सदस्य व अभिभावकों की गरिमामय उपस्थिति रही।
यही तो नवाचार है, कि बच्चे कहें…स्कूल चले हम
बच्चों के बीच डोरेमॉन को देख एक पल के लिए पालक भी हैरत में पड़ गए। आम तौर पर ऐसी रोचक गतिविधियां निजी स्कूलों में ही देखने को मिलती हैं, जो एक शासकीय स्कूल में नजर आया। माता-पिता ने कहा कि ऐेसा वातावरण मिले, तो भला बच्चे स्कूल आने से क्यों घबराएंगे। वे तो खुद से सुबह उठकर तैयार हो जाएंगे और खुद कहेंगे कि उन्हेें स्कूल जाना है। सचमुच, इसे ही तो नवाचार कहेंगे, जिसमें स्कूल प्रबंधन अपने विद्यार्थियों की रूची को जाने, पहचाने और उसी के अनुरूप शिक्षा-दीक्षा की सुंदर राह अपनाए। इसी राह पर बच्चों के लिए चलना, सपने बुनना और अपने सुनहरे भविष्य की ओर दौड़ना आसान हो जाता है।
सुपर मॉम हंगामे से अवगत हुए बच्चों के पालक
प्रभारी प्रधान पाठक श्रीमती फिरोजा खान ने बताया कि इस कार्यक्रम साथ ही यहां पहुंचे बच्चों की माताओं को सुपर मॉम हंगामे से अवगत भी कराया गया। प्राचार्य श्रीमती आनंद ने भी सभी को स्वामी आत्मानंद स्कूल के संबंध में जानकारी देते हुए दाखिले और सुविधाओं े विषय में उच्च मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया। पालकों ने कहा कि ऐसे ही जतन सभी शासकीय स्कूलों में अपनाए जाएं, तो फिर निजी स्कूलों की महंगी और चकाचौंध दुनिया में कोई भला जाना ही क्यों चाहेगा।