राममंदिर बालको में शिव महापुराण व रूद्राभिषेक का आयोजन, प्रयागराज से आए आचार्य पवन त्रिपाठी कर रहे शिव महापुराण की महिमा का वर्णन
कोरबा। शिव की कथा अत्यंत कल्याणकारी है। इसका जो श्रवण करते हैं, उनके समस्त दु:खों का नाश हो जाता है। कथा श्रवण करने वाले गृहस्थ के जीवन में आने वाले संकट दूर हो जाते हैं। देवों के देव महादेव को भोलेनाथ कहते हैं, जो केवल एक लोटा जल और बेलपत्र पाकर ही प्रसन्न हो जाते हैं, अपने भक्त की समस्त कठिनाइयों को हर लेते हैं।
यह सुंदर बातें श्रीराम मंदिर बालको में आयोजित शिव महापुराण कथा के प्रथम दिवस की कथा सुनाते हुए प्रयागराज से पधारे आचार्य पवन त्रिपाठी महाराज यहां मौजूद श्रोताओं से कहीं। प्रात: कालीन सत्र में विधिपूर्वक रुद्राभिषेक संपन्न किया गया। इसके उपरांत द्वितीय सत्र में शाम 5 बजे से आचार्य त्रिपाठी महाराज ने शिव महापुराण की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि शिव की कथा अत्यंत कल्याणकारी है। इसका जो श्रवण करते हैं उनके समस्त दु:खों का नाश हो जाता है। कथा श्रवण करने वाले गृहस्थ के जीवन में आसन्न संकट दूर हो जाते हैं। आज की कथा में शिव के प्राकट्य का रहस्य बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। शिव महापुराण कथा श्रवण करने हेतु बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण श्रीराम मंदिर पंडाल में उपस्थित हुए। उल्लेखनीय होगा कि शिव पुराण सभी पुराणों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण व सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुराणों में से एक है। भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों, ज्योतिलिंर्गों, भक्तों और भक्ति का विशद् वर्णन किया गया है। इसमें शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव पुराण का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, नि:संतान लोगों को संतान की प्राप्ति हो जाती है। अगर वैवाहिक जीवन से संबंधित समस्याएं आ रही हैं तो वे समस्याएं दूर हो जाती हैं। व्यक्ति के समस्त प्रकार के कष्ट और पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन के अंत में उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सावन शिव को प्रिय, इस मास में पाठ शुभफल दायी
मूल रूप से महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखित शिव पुराण का पवित्र पौराणिक ग्रंथों में सर्वोच्च स्थान है। इस ग्रंथ में भगवान शिव की भक्ति और उस पवित्र प्रेम की महिमा का उल्लेख है, जिससे सभी पापों से मुक्ति मिलती है और परमधाम की प्राप्ति होती है। हर दिन हर समय शिव पुराण का पाठ शुभकारी ही है। पर फिर भी इसका पाठ अगर श्रावण मास में किया जाए तो अति शुभ फल देनेवाला माना गया है, क्यूंकि श्रावण मास शिवजी का पसंदीदा मास माना जाता है। इसके अलावा सोमवार को इसका पाठ जरूर करना चाहिए, सोमवार को शिव पुराण का पाठ करने से शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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