बालको क्षेत्र में जनता की जमीनी परेशानियों से रूबरू होने सड़क पर उतरे राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, वापसी में खुद जाम में फंसे और दो किलोमीटर पैदल चले। बालको क्षेत्र से सामने आई लोगों की समस्याओं को लेकर राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि अगर इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं होती तो, इसके लिए हम बालको के सीईओ को पत्र लिखेंगे। आगे ठोस कार्रवाई भी करेंगे।
कोरबा(thevalleygraph.com)। मंगलवार को प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को क्षेत्र की समस्या जानने सड़क पर उतरे। लोगों से मुलाकात कर समस्याओं से रूबरू हुए। लोगों ने समस्या क्षेत्र की समस्याओं को मंत्री के समक्ष रखा। यहां लगने वाले जाम में मंत्री खुद ही फंस गए। बाजार से लगे बजरंग चौक तक लंबे जाम में फंसे मंत्री को बाहर निकलने के लिए 2 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। इसके बाद प्रेस वार्ता का आयोजन कर राजस्व मंत्री ने बालको की पोल खोली। उन्होंने कहा कि बालको स्थानीय कर्मचारियों का शोषण तो कर ही रहा है, साथ ही जिले के लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। नदी-नाले को भी प्रदूषित कर रहा है। प्रशासन के संरक्षण में बालको पूरी तरह से निरंकुश हो चुका है। प्रशासन के संरक्षण में बालको अपनी मनमानी पर उतारू है। इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं होती तो, इसके लिए हम बालको के सीईओ को पत्र लिखेंगे। आगे ठोस कार्रवाई भी करेंगे।
बालको में निरीक्षण के दौरान इस तरह की समस्याएं आई सामने
बालको क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान मंत्री जयसिंह प्रबंधन द्वारा सार्वजनिक प्रयोजनो के लिए निर्मित मंगल भवन पहुंचे। जोकि अत्यंत जर्जर हो चुका है. जिसे आम नागरिकों कर शादी, धार्मिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक एवं किसी अन्य प्रकार के कार्यक्रमों के लिए बालको प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराया जाना बंद कर दिया गया है. वरिष्ठ नागरिकों के सैर करने व बच्चों को खेलने आदि के लिए सेक्टर-1 स्थित नेहरू गार्डन व सिविक सेंटर स्थित जुबली पार्क के साथ ही बालको क्लब की सुविधा का लाभ बालको प्रबंधन द्वारा अब बन्द कर दिया गया है. निरीक्षण के दौरान मंत्री को स्थानीय लोगों ने बताया कि बालको हॉस्पिटल में आम नागरिकों का इलाज नहीं होता है. बालको की सेवा से रिटायर हो चुके कर्मर्चारियों को हॉस्पिटल में भर्ती करने की सुविधा जो पहले थी. अब बन्द कर दी गई है.
लंबे जाम से रोज नागरिक होते हैं परेशान
मंत्री के निरीक्षण के दौरान ही बालको प्लांट के मेन गेट के पास ड्यूटी आने-जाने के समय बेतरतीब खड़े भारी माल वाहकों की कतारे लगी हुई थी. जिसके कारण हमेशा ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. मंगलवार को भी यही स्थिति थी। मंत्री को स्वयं जाम से निकालने के लिए 2 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा. स्कूल बस के साथ ही एम्बुलेंस भी जाम में फंसी रहती है। लोगों ने मंत्री को यह भी बताया कि जमनीपाली व गोपालपुर में स्थित केंद्रीय विद्यालयों के लिए बालको प्रबंधन की चलने वाली बसों में आम नागरिकों के बच्चों को आने जाने की अनुमति मिलनी बन्द हो गई है. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है. बालको कॉलोनी परिसर अंदर अनेक स्थानों पर कचरों का अंबार पड़ा हुआ है. साफ-सफाई नहीं होती है, नालियां तो बनी हुई हैं।
प्रशासन की भूमिका संदिग्ध, 3 महीने बाद भी नहीं मिली जांच रिपोर्ट
बालको क्षेत्र में लोगों से मिलकर समस्याओं के को समझने के बाद मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने टीपी नगर स्थित कांग्रेस कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। मंत्री ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी बालको के कोई भी अधिकारी मौके पर उपस्थित नही हैं। इससे पता चलता है कि बालको प्रबंधन जितना गैरजिम्मेदार है। उसे आम लोगों के हितों से कोई मतलब नहीं है। प्रबंधन द्वारा गलत तरीके से समय सीमा से अधिक काम लिया जा रहा है। मजदूरों का शोषण हो रहा है। बालको को कम से कम 10 किलोमीटर की परिधि में स्थानीय लोगों को रोजगार देना चाहिए। लेकिन बालको अपने स्मेल्टर प्लांट का विस्तार तो कर रहा है। लेकिन लोगों की सुविधाओं को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। मजदूर कैटेगरी के लोगों को भी बाहर से लाकर बालको में रोजगार दिया जा रहा है। जबकि क्षेत्र में लोग बरोजगार हैं मंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले मैने बालको के रखा डैम का निरीक्षण किया था। जिले भर में बालको द्वारा बेतरतीब राख फेंका गया है। नदी नालों में भी राख छोड़कर इसके पानी को प्रदूषित किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से एडीएम पाटले मौजूद थे। जिन्होंने 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी। अब 3 महीने बाद भी जांच अधूरी है। इससे पता चलता है कि बालको और जिला प्रशासन की सांठगांठ है। प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। प्रशासन के संरक्षण में बालको अपनी मनमानी पर उतारू है। इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं होती। इसके लिए हम बालको के सीईओ को पत्र लिखेंगे। आगे ठोस कार्रवाई भी करेंगे।