Train के कोच में घुआं उड़ते ही बजेगा अलार्म, जलेंगे इंडिकेटर, आपको Alert कर आग पर काबू पाने होगी नाइट्रोजन मिश्रित पानी की बौछार


SECR:- एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से लैस किए गए 415 एसी कोच, यात्री ट्रेनों में आगजनी की घटना से बचाव के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अनूठी पहल.

कोरबा(thevalleygraph.com)। ट्रेन की यात्रा में अगर कोच में आग लगने जैसी कोई कोई आपात घड़ी आ जाए, तो बिना देर आपको सतर्क करने रेलवे ने एक खास जुगत की है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अपने 415 एसी कोच को एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से लैस कर लिया है। यह सेंसर सिस्टम कुछ इस तरह काम करेगा, जिसमें कोच के भीतर धुंआ उठने या उड़ने पर उसे तत्काल डिटेक्ट कर लेगा। यात्रियों को अलर्ट करते हुए अलार्म बजने लगेगा, लाइट इंडिकेटर जलेंगे और आॅडियो साउंड के माध्यम से खतरे से अवगत कराएगा, ताकि बचाव के फौरी कदम शुरू किए जा सकें।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और बेहतरीन यात्रा अनुभव के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। इसी शृंखला में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अपने सभी एसी कोच में फायर स्मोक डिटेक्शन व सप्रेशन प्रणाली से लैस कर लिया है। अब तक 415 एसी कोच व 50 पावर कारों को इससे लैस भी किया जा चुका है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी एसी कोच में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम के अंतर्गत लगभग 8-11 स्मोक सेंसर लगाए गए हैं, जो कोच के शौचालयों के गैंगवे एरिया और कोच के अंदर उपयुक्त स्थान पर लगे हैं । स्मोक डिटेक्शन एक लूप में कंट्रोल मॉड्यूल से जुड़ा होता है । आग लगने की स्थिति में यह कंट्रोल मॉड्यूल आॅडियो विजुअल साउंड अलार्म, लाइट इंडिकेटर, प्रीलोडेड घोषणा के लिए पीए सिस्टम और ब्रेक का स्वचालित रूप से कार्यरत हो जाएगा तथा ट्रेन को रोककर और यात्रियों को सतर्क करने में मदद करता है। यहीं नहीं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों के पावर कार एवं पैंट्रीकार में भी एडवांस फायर एंड स्मोक डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम के तहत एस्पीरेशन एवं हीट टाइप फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, सप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर आदि उपकरण लगाए गए हैं। ट्रेनों के पावर कार एवं पैंट्रीकार में फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम लगने से आने वाले दिनों में ट्रेन के अंदर आग लगने से पहले ही फायर स्मोक डिटेक्शन सिस्टम से अलार्म बजने लगेगा। जिससे, आग पर समय रहते काबू कर लिया जाएगा।
चिंगारी-आग, धुआं का संकेत मिलते ही सेंसर एक्टिव
धुंआ, चिंगारी या आग का संकेत मिलते ही सिस्टम में लगे सेंसर सक्रिय हो जाएगा, अलार्म बजने के साथ दोनों सिलेंडर क्रियाशील होकर प्रेशर बनाने लगेंगे। कुछ देर में नाइट्रोजन और पानी का मिश्रण पाइपों में प्रवाहित होने लगेगा। दबाव बढ़ते ही वाल्व खुल जाएगा और नाइट्रोजन मिश्रित पानी का बौछार शुरू हो जाएगा। इस प्रकार आग बुझाने पर काबू पा लिया जाएगा।
चलती ट्रेन में धुम्रपान करते पकड़े गए तो खैर नहीं
इसके अतिरिक्त एसी कोचों में ध्रूमपान करने वाले भी चिन्हित किए जा सकते हैं । ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे ध्रूमपान करने वालों से सहयात्रियों को दिक्कत होती है तथा ट्रेनों में आगजनी की घटना होने की संभावना रहती है। अब चलती ट्रेनों में ध्रूमपान से और धुंआ उठते ही अर्लाम अर्लट कर देगा। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में पहले पेंट्रीकार से गैस के सिलेंडर हटाया जा चुका है। बिलासपुर मंडल की 14 जोड़ी, रायपुर मंडल की 13 जोड़ी एवं नागपुर मंडल की एक जोड़ी ट्रेनों के सभी एसी कोच, पावरकार एवं पेंट्रीकार में यह सिस्टम लगाया जा चुका है। इस सिस्टम के अतिरिक्त सभी पावर कार, पैंट्री कार तथा एसी कोचों में अग्नि शमन यंत्र भी उपलब्ध कराए गए हैं ।


28 जोड़ी ट्रेनों के एसी कोचों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम…

  1. बिलासपुर- नागपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
  2. छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस
  3. संपर्क क्रांति एक्सप्रेस
  4. शिवनाथ एक्सप्रेस
  5. बिलासपुर – पटना एक्सप्रेस
  6. बिलासपुर -पुणे एक्सप्रेस
  7. जनशताब्दी


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