भारतीय सेना में सेवा का गौरव हासिल करने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए प्रवेश द्वार है एनसीसी: डॉ MM जोशी


शासकीय आईवीपीजी अग्रणी कॉलेज में मनाई गई एनसीसी स्थापना दिवस की 75वीं वर्षगांठ

आर्मी-एयरफोर्स हो या नेवी, भारतीय सेना का हिस्सा बनना अपने आप में गौरवपूर्ण है। सेना में सर्विस का सपना देख रहे युवाओं के लिए एनसीसी एक ऐसे प्रवेश द्वार की भूमिका निभाता है, जिसमें शामिल होकर यह सुनहरी मंजिल हासिल की जा सकती है। वर्दी धारण करने वाले प्रत्येक सैनिक के जीवन में हर क्षण एकता और अनुशासन को साथ रखना सबसे बड़ी प्रतिज्ञा है। सेकेंड लाइन ऑफ आर्मी कही जाने वाली एनसीसी अपने प्रत्येक कैडेट को यही सिखाता है।

कोरबा(theValleygraph.com)। यह बातें शासकीय ईवीपीजी कॉलेज में आयोजित एनसीसी स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे पंडित मुकुटधर पांडेय शासकीय कॉलेज कटघोरा के प्राचार्य डॉ एमएम जोशी ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहीं। राष्ट्रीय एनसीसी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को एनसीसी के महत्व से रूबरू कराया गया। डॉ जोशी स्वयं भी वर्षों तक ईविपीजी कॉलेज में एनसीसी अधिकारी का दायित्व संभाला और कोरबा में एनसीसी गतिविधियों को बुलंदियों पर ले जाने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि आर्मी, एयरफोर्स हो या इंडियन नेवी, सेना के गौरवपूर्ण करियर को हासिल करने का एनसीसी एक प्रवेश द्वार है। छात्र अग्निवीर परीक्षा उत्तीर्ण कर इसका फायदा उठा सकते हैं। जिन छात्रों ने एनसीसी का विकल्प चुना है, उन्हें एक सुनहरा अवसर मिला है। इसका लाभ उठाना चाहिए। एनसीसी दिवस के अवसर पर पीजी कॉलेज में मेधावी कैडेट्स को पुरस्कृत भी किया गया। कैडेट्स ने देशभक्ति की भावनाओं से भरा एक नृत्य और छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। इस दौरान मंच पर मौजूद कॉलेज के स्टाफ पर छात्रों ने कार्यक्रम का आनंद उठाया। वन सीजी बटालियन कोरबा के सूबेदार डूंगर सिंह भी कार्यक्रम में पहुंचे थे। जिन्होंने कहा कि एनसीसी कैडेट एक संपूर्ण छात्र होता है। जिसमें हर तरह के गुण मौजूद होते हैं। एक कैडेट 400 से 500 छात्रों के बीच से चुना जाता है। इसलिए वह भीड़ में सबसे अलग दिखता है। एनसीसी का छात्र हर तरह के गुण से संपन्न होता है।

मेरे कैडेट्स ने अपनी मंजिल पाई, समाज में अलग पहचान भी बनाई

डॉ जोशी ने कहा कि वे 20 साल पीजी कॉलेज में एनसीसी ऑफिसर रहे। इस दौरान कैडेट के रूप में इस परिसर से गुजरे ऐसे कई विद्यार्थी हैं, जो आज भी मेरे संपर्क में हैं। उन्होंने अलग-अलग विभागों में अपने प्रतिभा के दम पर न केवल मनचाही सर्विस पाई है, देश और समाज में अपनी अलग पहचान भी बनाई। कार्यक्रम में मंच संचालन कॉलेज के केयरटेकर ऑफिसर और सहायक अध्यापक शुभम ढोरिया ने किया। इस अवसर पर खेल अधिकारी डॉ बीएस राव, वनस्पति शास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ संदीप शुक्ला, सुशील गुप्ता, सुशील अग्रवाल, डॉ दिनेश श्रीवास सहित समस्त अधिकारी कर्मचारी, एनसीसी कैडेट्स और विद्यार्थी मौजूद रहे।


NCC का छात्र जीवन में खास महत्व : डॉ साधना खरे
शासकीय ईवीपीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ साधना खरे ने कहा कि एनसीसी का छात्र जीवन में खास महत्व होता है। एनसीसी के जरिए छात्र अनुशासन सीखते हैं। वह हर क्षेत्र में अलग मुकाम हासिल कर सकते हैं। इसलिए एनसीसी को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित रहे विद्यार्थियों और खासकर एनसीसी कैडेट्स को जीवन में एकता और अनुशासन का हर हाल में पालन करते हुए अपनी मंजिल की ओर साधे हुए कदमों से आगे बढ़ने, परिवार व महाविद्यालय का गौरव बनने प्रेरित किया।


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