DPS Student और होनहार तैराक अजिंक्या सिंह ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान.
होनहार तैराक अजिंक्या सिंह ने अपने हुनर का लोहा मनवाते हुए एक बार फिर कमाल कर दिखाया। उन्होंने स्कूल गेम्स फेडरेशन आॅफ इंडिया (एसजीएफआई-2023-24) की अखिल भारतीय तैराकी स्पर्धा में एक गोल्ड व एक सिल्वर व एक कांस्य पदक जीतकर जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के बूते उन्होंने नेशनल चैंपियन का तमगा तो हासिल किया ही, अखिल भारतीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित होने का मौका दिया। स्पर्धा की खास बात यह रही कि उनके प्रदर्शन ने वहां मौजूद खिलाड़ियों व निर्णायकों को भी हैरत में डाल दिया।
कोरबा(thevalleygraph.com)। यह खिलाड़ी छोटी आयु से ही कड़ी मेहनत कर अनेक इवेंट में अपने उम्र में बड़े व ज्यादा अनुभवी प्रतिस्पर्धियों को विभिन्न स्पर्धाओं में पीछे छोड़ने का हुनर जीत चुकी है। इसी कड़ी में एक और उपलब्धि हासिल करते हुए होनहार स्विमर अजिंक्या सिंह ने एसजीएफआई की प्रतियोगिता में मान बढ़ाया और अलग-अलग ईवेंट में गोल्ड समेत तीन नेशनल मेडल जीत लाई। अजिंक्या ने इससे पहले भी तैराकी की विभिन्न प्रतियोगिताओं में उम्दा प्रदर्शन कर कोरबा व छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है।
उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित कर प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर की स्पधार्ओं में भी पदक जीते हैं। अजिंक्या स्विमिंग की अनेक विधा में पारंगत हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व तैराकी प्रशिक्षक को दिया है, जिनके बूते वे अपने स्विमिंग कॅरियर को ऊंचाई तक ले जाने संघर्ष के योग्य बन सकी। पूर्व में डीपीएस बाल्को में अध्ययनरत रही अजिंक्या वर्तमान में डीपीएस बिलासपुर में कक्षा 12वीं की छात्रा है। केएसके वर्धा पावर अकलतरा में एजीएम का कार्यभार संभाल रहे पिता सुशील सिंह व शिक्षिका सोनू सिंह की इकलौती पुत्री अजिंक्या पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहती है। उसने बताया कि माता-पिता के सतत प्रोत्साहन का ही परिणाम है, जो उसे यह सफलता मिली। हर पैमाने पर अपनी प्रतिभा साबित करते हुए होनहार तैराक अजिंक्या ने कई राष्ट्रीय स्पर्धाओं में दम दिखा चुकी है।
हर ईवेंट में उतनी ही निपुण, इनमें जीते पदक
अजिंक्या ने एसजीएफआई 2023-24 अंतर्गत अलग-अलग ईवेंट में गोल्ड समेत तीन मेडल जीते हैं। इनमें 19 साल से कम उम्र के बालिका वर्ग अंतर्गत छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने 50 मीटर बैकस्ट्रोक में कांस्य पदक, 100 मीटर बैकस्ट्रोक में रजत और 200 मीटर बैकस्ट्रोक स्वर्ण पदक हासिल किया है। उल्लेखनीय होगा कि नन्हीं उम्र से ही कठिन प्रतियोगिता के पड़ाव करती तैरती हुई बढ़ रही अजिंक्या की नजर केवल अपनी मंजिल की ओर है। खास बात यह है कि अपने इस सफर में वह अपनी गति से सभी को हैरत में डालते हुए आगे निकल रही है।
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