खेलो इंडिया यूथ गेम्स तमिलनाडु में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगे हमारे 14 कलरिपयतु खिलाड़ी


सात दिनों के प्री नेशनल ट्रेनिंग के बाद टीम तमिलनाडु रवाना

कोरबा(theValleygraph.com)। तमिलनाडु में 6वीं खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आगाज 19 जनवरी से हो रहा है। इस प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए कोरबा के आठ खिलाड़ी भी अपनी खेल प्रतिभा दिखाएंगे। खिलाड़ी व अधिकारी समेत राज्य कलरिपयतु टीम तमिलनाडु के लिए रवाना हो चुकी है, जिसका प्रतिनिधित्व कमलेश देवांगन कर रहे हैं। इस टीम में 8 बालक व 6 बालिाएं शामिल हैं और खास बात यह है कि कोरबा जिले से सर्वाधिक आठ खिलाड़ियों का चयन हुआ है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ टीम ने प्री नेशनल प्रशिक्षण शिविर में हिस्सा लिया, जिसका आयोजन 13 से 19 जनवरी तक फाइट क्लब आदर्श नगर कुसमुंडा में किया गया था। खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन तमिलनाडु के चार अलग-अलग स्थानों पर किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत कलरिपयतु मार्शल आर्ट खेल का आयोजन 27 से 29 जनवरी के मध्य तिरुचिरापल्ली में किया जाना है। विधा में भाग लेने छत्तीसगढ़ की टीम बुधवार की शाम कोचुवेली एक्सप्रेस नागपुर होते हुए तिरुचिरापल्ली के लिए रवाना हो गई है। छत्तीसगढ़ कलरिपयतु एसोसिएशन के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ कलरिपयतु टीम के कोच कमलेश देवांगन ने बताया कि प्री नेशनल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कुसमुंडा कोरबा में किया गया। छत्तीसगढ़ टीम में 14 खिलाड़ी पांच अधिकारी शामिल हैं। प्रदेश की टीम में सबसे ज्यादा आठ खिलाड़ी कोरबा जिले से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिससे जिले के खेल प्रेमियों में हर्ष की लहर है। छत्तीसगढ़ टीम में शामिल खिलाड़ियों में कुमारी रागिनी, आदित्य शेवरॉन, दिव्यानी, जैसमिन, सोनम साहू, जिया जायसवाल, रितिक कुमार सिंह, विवेक सिंह, कृष सिंधु, आदित्य सिंह चंदेल, सहस्रांशु कांजी, अर्जुन कुमार चंद्रा, हर्षदीप साहू व आयुष कुमार यादव शामिल हैं। अधिकारियों के रूप में टीम का नेतृत्व कमलेश देवांगन, लखन कुमार साहू, हरबंश कौर कोच व अमन यादव तथा टीएन रेड्डी मैनेजर की जिम्मेदारी निभाते हुए प्रतियोगिता में भाग लेंगे।

5वीं खेलो इंडिया यूथ गेम्स में कोरबा के रितिक ने जीता था एक मात्र पदक
उल्लेखनीय होगा कि 5वीं खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 ग्वालियर में कलरिपयतु से एक मात्र पदक कोरबा के रितिक कुमार सिंह ने दिलाया था। इस समय छत्तीसगढ़ टीम से ज्यादा पदक प्राप्त करने की आस है। कलरिपयतु विधा खेल व युवा कल्याण मंत्रालय भारत सरकार से मान्यता है। इस खेल को राष्ट्रीय खेल, खेलो इंडिया यूथ गेम्स व स्कूल गेम्स में भी शामिल किया जा चुका है। कलरिपयतु भारत की प्राचीन मार्शल आर्ट है, जिसका उद्भव 9वीं से 11वीं शताब्दी के मध्य हुआ, ऐसा माना जाता है। आत्मरक्षा की कला से परिपूर्ण इस विधा का उपयोग युद्ध मे किया जाता था। कलरिपयतु को सभी मार्शल आर्ट्स की जननी भी कहा जाता है।
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