बेटियों के लिए संजीवनी का टीका, वर्ष 2023 में सर्वाइकल कैंसर से जूझ रहीं 68 महिलाएं सामने आई, इनमें से 4 ने बेवक्त जान गंवाई


कोरबा में सामने आए आंकड़े : केंद्र के अंतरिम बजट में नि:शुल्क वैक्सीन की सौगात से महिलाओं की सेहत पटरी पर लाने मिलेगी मदद।

वर्ष 2023 की रिपोर्ट पर गौर करें तो निजी व सरकारी अस्पतालों में हुए डाइग्नोस में कुल 68 महिलाएं ऐसी मिली, जो सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय के मुख के केंसर) से पीड़ित थीं। दुखद पहलू यह है कि इनमें से चार की मौत हो चुकी है और शेष का मेकाहारा रायपुर में रेडियोथैरेपी के माध्यम से इलाज चल रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए नि:शुल्क टीकाकरण का उपहार बेटियों के लिए संजीवनी से कम नहीं होगा।

कोरबा(thevalleygraph.com)। केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए 9-14 साल की बच्चियों का टीकाकरण नि:शुल्क दिए जाने की सौगात दी है। स्व. बिसाहूदास महंत मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में भी सर्वाइकल कैंसर के केसेस डिटेक्ट करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए भी लाजमी हो जाता है, क्योंकि वक्त रहते उपाय न अपनाए जाने पर भयावह रूप धारण कर लेने वाले इस रोग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। कोरबा जिले की बात करें तो बीते वर्ष सामने आए आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। वर्ष 2023 में मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग व प्रसूति विभाग में चल रहे यहां के कैंसर डिटेक्शन क्लीनिक में जांच के दौरान कुल 148 महिलाओं का पैप स्मीयर (पैप स्मीयर टेस्ट) लिया गया। ये ऐसी महिलाएं हैं, जो सेहत को लेकर फिक्र जताते हुए स्वयं मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में परीक्षण कराने पहुंची थीं। इनमें से 20 महिलाओं की रिपोर्ट सीए सर्विक्स पॉजिटिव आई। इसके अलावा निजी अस्पतालों से डाइग्नोज होकर पहुंची 48 महिलाओं को भी चिन्हित किया गया। इस तरह बीते वर्ष कुल 68 रोगी सामने आए थे, जिन्हें मेकाहारा भेजा गया। कैंसर डिटेक्शन क्लीनिक में डाइग्नोज करने की सुविधा तो मौजूद है, यानि पैप स्मीयर लेकर जांच सुविधा है, पर रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उपचार यानि वैक्सीन सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में ऐसे केस में रोगी महिलाओं को मेकाहारा रेफर कर दिया गया है, जहां इनका इलाज मेकाहारा रायपुर में रेडियोथैरेपी के माध्यम से चल रहा है। सर्वाइकल कैंसर से जूझ रहीं 64 महिलाओं का उपचार जारी है, जबकि 2023 में दर्ज केस में चार की मौत हो चुकी है।
कैंसर डिटेक्शन क्लीनिक प्रतिमाह औसतन 10 से 15 केस
सर्वाइकल कैंसर के शक के साथ कोरबा में आ रहे मामलों पर गौर करें, तो गर्भाशय, अंडाशय और बच्चा दानी के कैंसर के केसेस से संबंधित प्रतिमाह औसतन 10 से 15 केस आते हैं। जिन्हें मेडिकल कॉलेज की अनुभवी चिकित्सा टीम द्वारा आॅपरेट किया जा रहा है। यहां संचालिक कैंसर डिटेक्शन क्लीनिक में ऐसी हर संभावनाओं को गंभीरता से आॅब्जर्व किया जा रहा है, जिसमें सीए सर्विक्स की जरा भी संभावना हो। अगर नि:शुल्क टीका पर्याप्त रूप से उपलब्ध होता है, तो सर्वाइकल कैंसर समेत इन सभी गंभीर रोगों से समाधान पाया जा सकता है।


बालक-बालिकाओं दोनों को लगना चाहिए टीका : डॉ आदित्य सिसोदिया
स्व. बिसाहूदास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज कोरबा में विभाग प्रमुख प्रसूति व स्त्री रोग विभाग डॉ. आदित्य सिसोदिया (एमडी गायनेकोलॉजी) ने बताया कि हम यहां कैंसर डिटेक्शन क्लीनिक चला रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 35 वर्ष से अधिक आयु की जो महिलाएं यहां आती हैं, उनमें पैप स्मीयर निकालने (पैप स्मीयर टेस्ट) की सुविधा यहां उपलब्ध है। पैप स्मीयर, जो कैंसर को डिटेक्ट करता है, जिसकी जांच सुविधा यहां उपलब्ध है। उससे हम यहां से केवल डाइग्नोसिस बना रहे हैं, लेकिन उसके प्रिवेंशन के लिए अभी यहां ऐसी कोई बड़ी सुविधा उपलब्ध नहीं है। वैक्सीन की सुविधा अभी यहां उपलब्ध नहीं है, जो न केवल बालिकाओं को, बल्कि बालक को भी लगना चाहिए। यह वैक्सीन दोनों को लगना चाहिए। पैप स्मीयर टेस्ट के बाद जो भी डाइग्नोस होते हैं, उन्हें बेहतर ट्रीटमेंट के लिए मेकाहारा रेफर किया जाता है।
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