लेफ्टिनेंट बापट को भारतीय नौसेना की श्रद्धांजली, अंदमान निकोबार कमांड के पोर्टब्लेयर डैमेज कंट्रोल सिम्युलेटर का नाम रखा डीसीएस अमोघ


(Korba)गहरे समुंदर के बीच जहाज क्षति में क्षति आ गई, तो ऐसी विपरीत स्थिति से निपटना सिखाएगा डीसीएस अमोघ, भारतीय नौसेना ने समुद्री सुरक्षा और तैयारी की दिशा में एक अमोघ कदम बढ़ाते हुए कोरबा के जांबाज नेवल अफसर रहे स्व. लेफ्टिनेंट अमोघ बापट को श्रद्धांजलि दी है। उनकी स्मृति और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए उनके नाम पर अंदमान निकोबार कमांड ने पोर्टब्लेयर में डैमेज कंट्रोल सिम्युलेटर की स्थापना कर उसे अमोघ का नाम दिया गया है।

कोरबा(thevalleygraph.com)। नौसेना ने अंदमान कमांड में अमोघ के नाम समर्पित इस डैमेज कंट्रोल ट्रेनिंग फेसिलिटी का उद्घाटन 18 अगस्त को पोर्टब्लेयर में किया गया, जो पूरी तरह से स्वदेशी तर्ज पर विकसित किया गया है। डीसीएस अमोघ भारतीय नौसेना के कर्मियों को समुद्र में अचानक सामने आने वाली जहाज क्षति, उन पर नियंत्रण व मरम्मत के लिए प्रशिक्षित करने अहम भूमिका निभाएगा। डीसीएस अमोघ भारतीय नौसेना के लिए विकसित अपनी तरह का चौथा सिम्युलेटर है, जो पूरी तरह से स्वदेशी विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रयासों को दर्शाता है। इस सिम्युलेटर में भारतीय नौसेना ही नहीं, वायुसेना, थलसेना और कोस्टगार्ड के लिए भी विशेष प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जाएगी।

लेफ्टिनेंट अमोघ बापट एक ऐसा नाम है, जो साहस और कौशल के लिए पहचाना जाता है। कोरबा के होनहार नेवल अफसर स्व. बापट आज हमारे बीच नहीं हैं, पर उनका नाम देश के वीरों में सदा के लिए अमर हो चुका है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना ने एक ओर सितारा जोड़ते हुए डीसीएस अमोघ की स्थापना कर उसे इस जांबाज युवा अफसर का नाम दिया है। डीसीएस अमोघ भारतीय नौसेना के लिए विकसित अपनी तरह का चौथा सिम्युलेटर है, जो पूरी तरह से स्वदेशी विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रयासों को दर्शाता है। इस सिम्युलेटर में भारतीय नौसेना ही नहीं, वायुसेना, थलसेना और कोस्टगार्ड के लिए भी विशेष प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जाएगी।

नेवी ने लिखा: अमोघ की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को सम्मान
अमोघ के पिता प्रशांत बापट छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी में अधीक्षण अभियंता हैं और वर्तमान में के रायपुर मुख्यालय डगनिया में पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि अमोघ के नाम यह डैमेज कंट्रोल का ट्रेनिंग सेंटर एक तरह से एक शिप का सेम्युलेटर जैसा है। यहां अगर शिप को कुछ होता है, अचानक कोई आपदा आती है, तो कैसे संभालना होगा, उसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इस सिम्युलेटर में सेना की तीनों सर्विसेस व कोस्ट गार्ड को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। किसी भी प्रकार की आपदा में कैसे मुकाबला किया जाएगा, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि नेवी ने डीसीएस अमोघ समर्पित करते हुए लिखा है कि स्व. लेफ्टिनेंट अमोघ बापट को श्रद्धांजलि, यह उनकी स्मृति और सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का सम्मान करता है। समुद्री सुरक्षा और तैयारी की दिशा में एक कदम।

देश को बड़े नुकसान से बचाकर ऑन स्पॉट सिनकेन अवार्ड से नवाजे गए
अमोघ एक ऐसे जांबाज अफसर थे, जिनमें रोमांच और चुनौतियों का पीछा करने का जज्बा था। समुंदर की गहराइयों को नापने का हुनर तो था ही, अपने अद्वितीय हुनर से उन्होंने आसमान को छू लिया। नेवी में अपने महज चार साल के करियर में देश को एक बड़े नुकसान से बचाकर उन्होंने सिनकेन अवार्ड हासिल किया। उन्होंने अपनी टीम के साथ डोर्नियर विमानों का डीप मेंटेनेंस किया और अंदमान बेस पर ही उन्हें उड़ने के काबिल बनाया था। इस तरह उन्होंने न केवल पहली बार यह कमाल कर दिखाया, देश के लिए साढ़े तीन करोड़ से अधिक की बचत की। बापट को इस अनुकरणीय कार्य के लिए सात जुलाई को आन द स्पाट प्रशस्ति प्रदान किया गया। यह प्रशस्ति उन्हें अंदमान निकोबार बेस के कमांडर इन चीफ ने प्रदान किया था। वे भारतीय नौसेना के ऐसे पहले होनहार अफसर रहे, जिन्होंने पूरे नेवी में पहली बार डोर्नियर विमानों का अंदमान बेस पर ओवरआल मेडन डीप रिपेयरिंग किया।

हर पल चेहरे पर सुकून वाली मुस्कान, जिंदादिली से हर कोई था प्रभावित
भारतीय नौसेना ने अमोघ डैमेज कंट्रोल सिम्युलेटर के उद्घाटन के साथ प्रशिक्षण क्षमताओं को बढ़ाया है। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में निर्मित डैमेज कंट्रोल सिम्युलेटर (डीसीएस) अमोघ का अनावरण 18 अगस्त को अंडमान और निकोबार कमांड, पोर्ट ब्लेयर में किया गया था। इस तरह के सिमुलेटरों की पूर्व में स्थापना विशाखापट्टनम, लोनावाला और कोच्चि में नौसेना प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था। हिमाचल प्रदेश में 22 जुलाई 2021 को हुई भू-स्खलन की प्राकृतिक आपदा में भारतीय नौ सेना के युवा अफसर लेफ्टिनेंट अमोघ बापट का दुखद निधन हो गया था। हर पल चेहरे पर सुकून वाली मुस्कान लिए हर एक के दिल पर अपनी छाप छोड़ने वाले इस युवा अफसर की जिंदादिली से हर कोई प्रभावित था।


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