घर पर सो रही थी 80 साल की बुजुर्ग, अचानक घुस आए हाथी ने उठाकर पटका, मौके पर ही हो गई मौत, घर के अन्य सदस्य निकल भागने में कामयाब रहे तो बच गई जान


रविवार की रात करीब दस बजे हांथियों के एक दल ने ऐतमानगर रेंज में दस्तक दी। गुरसियां सर्किल में घुसते झुंड ने उत्पात मचाना शुरु कर दिया और यहां के रापेर पारा में मकान-बाड़ी को जमकर तोड़-फोड़ की।

कोरबा(thevalleygraph.com)। अपने घर पर चैन की नींद सो रही 80 साल की एक बुजुर्ग को क्या पता था कि यह उसके जीवन का अंतिम क्षण होगा। इन दिनों जंगल में घूम रहे हाथियों के अलग-अलग झुंड लगातार हुड़दंग मचा रहा है। रविवार को इनमें से एक दल रापेर नामक मुहल्ले में घुस आए और उत्पात मचाते हुए गांव के एक मकान में घुस गए। यहां सो रही उस बुजुर्ग उनके क्रोध का निशाना बन गई। घर के बाकी सदस्य को समय रहते बाहर निकल भागे पर अचानक हुई इस घटना से बेखबर बुजुर्ग को बचने तक का मौका न मिल सका। हाथियों ने उसे उठाकर पटक दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

रविवार की रात करीब दस बजे हांथियों के एक दल ने ऐतमानगर रेंज में दस्तक दी। गुरसियां सर्किल में घुसते झुंड ने उत्पात मचाना शुरु कर दिया और यहां के रापेर पारा में मकान-बाड़ी को जमकर तोड़-फोड़ की। इसके बाद झुंड के कुछ हाथी बस्ती के एक मकान में घुस, जहां सो रही करीब 80 साल की एक बुजुर्ग महिला को सूंड़ से उठाकर पटक दिया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। किसी तरह घर के अन्य सदस्यों ने समय रहते बचकर घर से बाहर निकल भागे और उनकी जान बच गई। घटना की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी और अमला गांव पहुंचा और हाथियों को आबादी से दूर जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास शुरु किया। कटघोरा वनमंडल में पिछले कई महीनों से हाथियों का दल अलग-अलग रेंज में विचरण कर रहा है। काफी अर्से से क्षेत्र में जनहानि की घटना नहीं हुई थी, पर खेतों में लहलहाती फसलों का सीजन आते ही कए बार फिर प्रभावित गांव के आस-पास उनका उत्पात शुरू हो गया है। हाथियों का झंुड खेत की फसलों और घरों को निशाना बना रहे हैं. वहीं देर रात हाथियों ने एक घर में घुसकर बुरी तरह से कुचल दिया और मौके पर ही उसकी जान चली गई। पिछले 6 वर्षों से केंदई, परला, चोटिया, पसान, कोरबी, मड़ई, बांगो क्षेत्र में लगभग 45 से 50 हांथीयों का दल अलग-अलग समूह में विचरण कर रहा है।

“कटघोरा वन मंडल के नवपदस्थ डीएफओ कुमार विश्वास ने कहा कि यह काफी दुखद घटना है। वृद्ध महिला की मौत की जानकारी मिलने पर राहत के प्रयास शुरु कर दिए गए और गांव में घुसे हाथियों को मैदानी अमला जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास में जुट गया। शासन द्वारा मृतक महिला के परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में इस क्षेत्र में 3 से 4 झुंड विचरण कर रहा है। ग्रामीणों को हाथियों से बचाव को लेकर वनकर्मी आगाह कर रहे हैं।”


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