काम के बदले फाइनल बिल के भुगतान के लिए एक ठेकेदार से नगर निगम कोरबा के इंजीनियरों ने दो प्रतिशत कमीशन की मांग की। कुल कार्य 21 लाख का था, जिसके लिए 42 हजार की डिमांड रखी गई। इसकी शिकायत ठेकेदार ने एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर से कर दी। शिकायत की तस्तीक के लिए टीम कोरबा पहुंची और ठेकेदार ने अफसर से बात की। सौदा 35 हजार रुपए में फाइनल हो गया। अफसर ने एक अन्य इंजीनियर के पास रकम छोड़ने कहा और जाल बिछाए इसी मौके का इंतजार कर रही ACB की टीम ने रुपए लेते उसे रंगे हाथ धर दबोचा। दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके विरुद्ध धारा 7,12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्यवाही की जा रही है।
कोरबा(theValleygraph.com)। नगर निगम कोरबा में ठेकेदारी करने वाले वार्ड क्रमांक-15-गोरहीपारा कोरबा निवासी मनक साहू ने यह शिकायत Anti Corruption Bureau से की थी। शिकायत के अनुसार नगर निगम के दर्री जोन कार्यालय में पदस्थ एई डी.सी. सोनकर ने प्रार्थी मानक साहू द्वारा किए गए कार्यों के बिल भुगतान के एवज में रकम की मांग कर रहा है। ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य से सम्बंधित उपयोग भुगतान किए गए रनिंग बिल व फाइनल बिल की राशि करीब 21 लाख रुपये है। आरोपी डीसी सोनकर ने नगर निगम क्षेत्र कोरबा में किए गए इस कार्य के बिल भुगतान पर 2 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी, जो कुल 42000 रुपये होती है। इस बात की शिकायत एसीबी बिलासपुर में की गई है। इस शिकायत का सत्यापन किए जाने टीम ने योजना बनाई। प्रार्थी ठेकेदार से पुनः चर्चा होने पर आरोपी सोनकर 42000 की जगह 35000 रुपये लेने राजी हो गया। इस पर एसीबी की टीम ने उसे मौके पर लेन देन करते हुए पकड़ने एक जाल बिछाया। मंगलवार 18 जून को प्रार्थी जब आरोपी सोनकर को रिश्वत रकम 35000 रुपये देने निगम कार्यालय कोरबा गया, तब आरोपी सोनकर ने अपने सब इंजीनियर देवेंद्र स्वर्णकार को दर्री जोन कार्यालय में तय रकम देने की बात प्रार्थी से की। इसके बाद प्रार्थी द्वारा आरोपी देवेंद्र को रिश्वत की रकम दर्री जोन कार्यालय में देने पहुंचा। रिश्वत की यह रकम लेते हुए वह रंगे हाथ पकड़ा गया है। दोनों आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके विरुद्ध धारा 7,12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्यवाही की जा रही है।