Patna क्राइम : 11-12 साल के 3 बच्चे रविवार शाम खेलने निकले और लापता हो गए, सोमवार सुबह 2 की लाश मिली, हाथ-पैर बांधकर खूब पीटा गया, जिंदा रहते आंखे फोड़ दी फिर सीने में चाकू घोप कर मार डाला


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बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां रविवार की शाम तीन बच्चे अचानक गायब हो गए। काफी ढूंढने के बाद भी कुछ पता नहीं चला तो परिजन पुलिस थाने पहुंचे। एक सिपाही ने कहा, बड़े अफसर नहीं है, सुबह आ जाना। इसके बाद परिजन अपने बच्चों को रात भर खोजते रहे। सोमवार की सुबह पुलिस ने खबर दी कि दो बच्चों के शव मिले हैं। इस घटना से परिजन समेत लोग आक्रोशित हैं और पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। बताया जा रहा है कि जिन 2 बच्चों के शव मिले, उन्हें देखकर लगता है कि अपराधियों ने उन्हें घटनास्थल के करीब की अधूरी बिल्डिंग में हाथ पैर बांध कर रखा। खूब पीटा, फिर जिंदा रहते उनकी आंखें फोड़ दी गई। इस पर भी मन न भरा, तो उन मासूमों के सीने में बेरहमी से चाकू घोप कर हत्या की गई। मृत पाए गए बच्चे सिर्फ 11 और 12 साल के थे। लोग कातिलों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

शवों को सबसे पहले देखने वालों का कहना है कि वे सुबह की सैर पर निकले थे। इसी दौरान सड़क किनारे पानी भरे गड्ढे में दोनों बच्चों की लाशें दिखीं। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। लोगों का दावा है कि रविवार शाम से दोनों बच्चे लापता थे। इनमें से दो की लाशें मिली है। अपराधियों ने दोनों की निर्मम हत्या कर दी गई। घटना से गुस्साए लोगों ने पटना बाइपास सड़क को जाम कर किया और प्रदर्शन करने लगे। वारदात के बाद गर्दनीबाग और बेउर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन में जुट गई है।

बेउर थाना प्रभारी सह प्रशिक्षु डीएसपी ने बताया कि गर्दनीबाग थाना क्षेत्र का रहने वाले दो बच्चों की लाश मिली है। इनकी पहचान विवेक कुमार (12) और प्रत्युष कुमार (11) के रूप में हुई है। दोनों गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के सरिस्ताबाद निवासी हैं। दोनों रविवार की शाम से ही लापता थे। सोमवार की सुबह एक अर्ध निर्मित मकान में दोनों की डेड बॉडी मिली है। लोगों को समझाया-बुझाया जा रहा है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है। मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है।

विवेक कुमार के पिता विनोद कुमार ने बताया कि वह गाड़ी चलाने का काम किया करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा विवेक चौथी कक्षा में पढ़ता था। रविवार देर शाम दोनों घर से खेलने निकाले थे। उसके बाद अचानक लापता हो गया। काफी प्रयास के बाद जब दोनों का सुराग नहीं मिला तो उन्होंने इसकी सूचना गर्दनीबाग थाने को दी। रात 10 बजे के करीब जब गर्दनीबाग थाना को सूचना दी गई तो थाने के एक सिपाही ने बताया कि अभी कोई पदाधिकारी नहीं है। कल सुबह आकर इसकी जानकारी दीजिए। इसके बाद परिवार के सभी लोग रात भर दोनों बच्चे को खोजते रहे।

विनोद कुमार ने कहा कि सुबह यह सूचना मिली कि 2 बच्चों का शव 70 फीट के नजदीक एक पानी भरे गड्ढे में फेंक दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 70 फीट के नजदीक ग्रीन सिटी केंपस के पास वहां एक कमरे में बंद कर हाथ पैर बांधकर दोनों बच्चे को जमकर पीटा गया है। बच्चे की आंख फोड़ दी गई है, जीभ में चाकू मारा गया है। सीने पर चाकू से वार किया गया है और फिर हत्या करने के बाद दोनों के शव को पास के एक पानी भरे गड्ढे में फेंक दिया गया है। उन्होंने इसे पुलिस की बड़ी लापरवाही बताते हुए कहा कि जो भी पुलिस पदाधिकारी इस मामले में दोषी हैं। इसके अलावा जो अपराधी है, जिन्होंने हत्या की है उनको कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। घटना से गुस्सा आए लोगों ने पटना-बाइपास सड़क को जाम कर जमकर प्रदर्शन किया।


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