कोरबा(theValleygraph.com)। राज्य शासन द्वारा शिक्षक (नगरीय निकाय व पंचायत) की पेंशन व्यवस्था हेतु नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) 01-04-2012 से लागू की गई। NPS मे कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था हेतु कर्मचारी के वेतन से 10% का अंशदान व नियोक्ता का 10% का अंशदान कर्मचारियो के प्रान (पेंशन) खाते में जमा किया जाता है। कर्मचारियों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर कुल राशि का 60% एकमुश्त मिलता है व शेष 40% राशि का उपयोग उन्हे पेंशन प्रदान करने मे किया जाता है।
कोरबा जिले के पंचायत विभाग के शिक्षकों का नियमानुसार NPS की राशि की कटौती नियमानुसार उनके प्रान खाते में जमा किया गया। पर नगर पालिका निगम कोरबा द्वारा सैकड़ो शिक्षक (नगरीय निकाय) का 01-04-2012 से 30-06-2018 तक न तो वेतन से अंशदान की कटौती की जाकर और न ही नियोक्ता का अंशदान की राशि उनके प्रान खाते में जमा की गई। जिससे भविष्य में कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति/आकस्मिक निधन होने पर उन्हें लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान होगा।
नगरीय निकाय शिक्षक विपिन यादव ने शासनादेश सहित आवेदन के माध्यम से आयुक्त नगर पालिक निगम कोरबा से दिनांक 01-04-2012 से 30-06-2018 तक का नियोक्ता (नगर पालिक निगम कोरबा) का 10% अंशदान प्रान खाते में जमा करने की मांग की है।
विपिन यादव ने बताया कि उनके आवेदन पर निगम द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किए जाने पर निगम के सैकड़ों शिक्षकों के साथ उच्च न्यायालय जाने हेतु बाध्य होंगे।