कलेक्टर की कक्षा में दो अहम विषय…पहला गैरहाजिर टीचर को डिसिप्लिन में लाएं, दूसरा कम से कम दो कालखंड हॉस्टल अधीक्षक भी पढ़ाएं


कलेक्टर अजीत वसंत ने बैठक लेकर डीईओ और आदिवासी विभाग के अफसरों को दिए निर्देश।

कलेक्टर अजीत वसंत (IAS) ने गुरुवार को जिले की शिक्षा व्यवस्था में कसावट लाने की पहल करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, आदिवासी विकास विभाग की एक जरूरी बैठक ली। उन्होंने कहा कि शासकीय स्कूलों का संचालन तय वक्त पर और नियमित तौर पर हो, अफसर यह सुनिश्चित करें। उन्होंने डीईओ से कहा कि अगर कोई शिक्षक अपने स्कूल के वक्त बिना ठोस वजह गैरहाजिर मिले, तो उसे बख्शा न जाए और कड़ी कार्रवाई कर अनुशासन का सबक दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने छात्रावास अधीक्षकों को भी शिक्षक की भूमिका में आते हुए प्रतिदिन कम से कम दो कालखंड लेने और बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

कोरबा(theValleygraph.com)। शिक्षा विभाग, आदिवासी विकास विभाग, खेल व युवा कल्याण विभाग सहित परियोजना अधिकारी, साक्षर भारत, समग्र शिक्षा और विकासखंड शिक्षा अधिकारी की बैठक ली। उन्होंने शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज को निर्देशित किया कि जिले में सभी स्कूलों का संचालन समय-सारिणी के अनुरूप हो। बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए उन्होंने जिले में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तामूलक बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में कलेक्टर श्री वसंत ने शैक्षणिक संस्थान अन्तर्गत निमार्णाधीन कार्यों की गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने डीईओ को निर्देशित किया कि जिले में जहां भी अतिशेष शिक्षक हैं, उनका समायोजन अन्य विद्यालयों में किया जाए।

उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के अंतर्गत 12वीं उत्तीर्ण बेरोजगारों को स्कूलों में अध्यापन के लिए अतिथि शिक्षक के रूप में रखें। स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के वितरण को नियमित और गुणवत्तायुक्त सुनिश्चित करने कहा। अधिकारियों को जिले में शिक्षा के स्तर और बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास करने और नवाचार को अपनाने के निर्देश दिए। इस दौरान निगम आयुक्त सुश्री प्रतिष्ठा ममगई, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी, डीएमसी मनोज पांडेय, खेल अधिकारी उपस्थित थे।

नियमित साफ-सफाई, मेनू के अनुसार भोजन
कलेक्टर ने जिले के सभी आश्रम तथा छात्रावासों का संचालन व्यवस्थित तथा शासन के निर्धारित मानकों के आधार पर संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि आश्रम तथा छात्रावासों में नियमित साफ-सफाई, मेनू अनुसार भोजन तथा समय पर खेल, अध्यापन व अन्य गतिविधियां संचालित हों। उन्होंने अधीक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए कम से कम दो पीरिएड पढ़ाने के निर्देश भी दिए।


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